गांवों में जाकर करें मरीजों की पहचान
बिहारशरीफ : गांव-कसबों में जाकर मरीजों की पहचान करें. ताकि मरीजों की पहचान सही रूप से और समय पर हो. जब पहचान के बाद मरीजों की चिकित्सा शुरू हो जायेगी तो रोगी की बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जायेगी. यह टास्क जिला लेप्रोसी निवारण विभाग के चिकित्सा पर्यवेक्षक उमेश प्रसाद ने जिले के पारा […]
बिहारशरीफ : गांव-कसबों में जाकर मरीजों की पहचान करें. ताकि मरीजों की पहचान सही रूप से और समय पर हो. जब पहचान के बाद मरीजों की चिकित्सा शुरू हो जायेगी तो रोगी की बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जायेगी. यह टास्क जिला लेप्रोसी निवारण विभाग के चिकित्सा पर्यवेक्षक उमेश प्रसाद ने जिले के पारा मेडिकल वर्करों व अचिकित्सक सहायकों को सोमवार को दी. इससे पहले जिला लेप्रोसी निवारण कार्यालय में जिलेभर के अचिकित्सक सहायकों व पारा मेडिकल वर्करों की आयोजित बैठक में पीएएचसी वार उनके कार्यों की उपलब्धियों की समीक्षा की गयी. कर्मियों को श्री प्रसाद ने टास्क दिया कि नियमित रूप से क्षेत्रों का परिभ्रमण करें. पहचान होने के बाद उसे चिकित्सीय जांच के लिए निकट के अस्पताल में भेजें.
नियमित रूप से करायें मरीजों को दवा उपलब्ध: चिह्नित कुष्ठ के मरीजों को समय पर दवा उपलब्ध करायें. ताकि रोगी नियमित रूप से दवा का सेवन कर सके. साथ ही मरीजों पर नजर रखें कि वे समय से दवा का सेवन कर पा रहे हैं या की नहीं.
इससे मरीज डिफॉल्टर नहीं हो पायेंगे.मरीजों को नियमित रूप से दवा सेवन करने के लिए उत्प्रेरित करते हैं. समय से दवा का सेवन करने से यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है. 20-21 मार्च को केन्द्रीय टीम के नालंदा आगमन को देखते हुए कर्मियों को सख्त हिदायत दी गयी है कि अपने संस्थानों की लेखा पंजी को अपडेट रखेंगे.इस काम में हरगिज लापरवाही नहीं बरतेंगे.इस अवसर पर विजय कुमार,संजय कुमार,गोरे लाल समेत जिले के सभी पारा मेडिकल वर्कर व अचिकित्सक सहायक आदि मौजूद थे.