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दलाई लामा ने खुद को ‘भारत का बेटा” बताया, धर्मनिरपेक्षता की तारीफ की

राजगीर : तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने आज खुद को भारत का बेटा बताया और भारत में मौजूद धर्मनिरपेक्षता की तारीफ की. यहां कन्वेंशन सेंटर में ‘21वीं सदी में बौद्ध धर्म’ विषय पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में दलाई लामा ने कहा कि मैं पिछले 58 वर्षों से भारत में रह रहा हूं और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 17, 2017 9:22 PM

राजगीर : तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने आज खुद को भारत का बेटा बताया और भारत में मौजूद धर्मनिरपेक्षता की तारीफ की. यहां कन्वेंशन सेंटर में ‘21वीं सदी में बौद्ध धर्म’ विषय पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में दलाई लामा ने कहा कि मैं पिछले 58 वर्षों से भारत में रह रहा हूं और इसलिए अब मैं भारत का बेटा हूं. नोबेल पुरस्कार विजेता दलाई लामा ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता के मामले में भारत जैसा कोई देश नहीं. तिब्बत में रहने के दौरान मेरी सोच संकुचित थी, पर जब अपने घर से बाहर निकला और भारत आया तो तिब्बत के साथ-साथ पूरी दुनिया के बारे में मेरे विचारों में व्यापकता आयी. आध्यात्मिक नेता ने कहा कि नालंदा स्कूल की विचारधारा बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण आयाम है.

उन्होंने कहा कि आज मैं जो भी हूं वह नालंदा की विचारधारा की वजह से हूं. उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा से लोगों के बीच सहिष्णुता पैदा करने में मदद मिलेगी और माफ करने की आदत बनेगी. दुनियाभर में नालंदा विश्वविद्यालय के लिए पहचाने जाने वाले राजगीर में उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा की प्रणाली हमें एक उपभोक्ता बना रही है. शिक्षा का पारंपरिक तरीका अच्छा था. इस मौके पर केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि बौद्ध धर्म एकता और शांति का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को बौद्ध धर्म से काफी उम्मीदें है. बौद्ध धर्म ने ही देश दुनिया में शांति को बढ़ावा दिया. भारत से निकलकर यह पूरे विश्व में फैला और शांति के क्षेत्र में सबसे बड़ा काम किया.

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