होम सर्च कर रोगियों की पहचान की जायेगी
बिहारशरीफ : होम सर्च कर रोगियों की पहचान करने का काम किया जायेगा. रोग पर काबू पाने की अनोखी पहल की होगी गुरुवार से शुरुआत. नालंदा जिले के हर प्रखंड में चलाया जायेगा सघन रूप से होम सर्च अभियान. राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नये रोगियों की खोज की जायेगी. इस कार्यक्रम को सफल […]
बिहारशरीफ : होम सर्च कर रोगियों की पहचान करने का काम किया जायेगा. रोग पर काबू पाने की अनोखी पहल की होगी गुरुवार से शुरुआत. नालंदा जिले के हर प्रखंड में चलाया जायेगा सघन रूप से होम सर्च अभियान. राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नये रोगियों की खोज की जायेगी. इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिला कुष्ठ निवारण विभाग की ओर से व्यापक तैयारी की गयी है. नये रोगियों व संदिग्ध मरीजों की पहचान करने में जिले की आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी सेविकाएं काम करेंगी. साथ ही पुरुष वर्कर भी मरीजों की पहचान करने में लगेंगे.
12 अप्रैल तक रोगियों की होगी तलाश
राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम जिले में 12 अप्रैल 2017 तक चलाया जायेगा. इस दौरान रोगियों की पहचान करने में जुटे कर्मी जिले के हर गांव के घरों में जाकर लेप्रोसी के संदिग्ध रोगियों की तलाश करेंगे. एक रोगी के कंफर्म होने पर सरकार की ओर से निर्धारित राशि भी संबंधित कर्मियों को उपलब्ध करायी जायेगी. राशि संबंधित कर्मी के बैंक खातों पर भेजी जायेगी. जिला लेप्रोसी निवारण पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार ने बताया कि नये रोगियों की पहचान होने पर उसका पंजीयन कर चिकित्सा शुरू की जायेगी.
लेप्रोसी केस डिडेक्शन कंपेन का तीसरा चरण को सफल बनाने के लिए सभी तरह की तैयारी पूरी की जा चुकी है. इस काम में लगाये गये कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि अभियान में हर दिन समय पर गांव,कसबों व टोलों में जाकर काम करेंगे.
चिह्नित होने वाले रोगियों को निकट के सरकारी अस्पताल में भेजने के लिए कहा गया है. जहां पर संदिग्ध रोगियों की चिकित्सीय जांच की जायेगी. जांच में बीमारी की पुष्टि होती है तो विभाग की ओर से इलाज शुरू किया जायेगा. साथ ही रोगमुक्त होने के लिए उन्हें एमडीटी की नि:शुल्क दवा भी उपलब्ध करायी जायेगी. उम्र के हिसाब से रोगियों को एमडीटी की दवा दी जायेगी. अभियान पर जिला स्तर पर से अधिकारी इसकी निगरानी का काम करेंगे.