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होमियोपैथिक को लेकर किया जागरूक

आयोजन. डॉ हैनिमन की जयंती मनी, अस्पताल में दी गयी चेचक की प्रतिरोधक दवा बिहारशरीफ : मगध होमियोपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल बिहारशरीफ में सोमवार को होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति के जनक डॉ हैनिमन को 262 वां जन्म दिवस हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया. इस मौके पर महाविद्यालय द्वारा प्रात:काल में शहर में प्रभातफेरी निकाली गयी. प्रभातफेरी […]

आयोजन. डॉ हैनिमन की जयंती मनी, अस्पताल में दी गयी चेचक की प्रतिरोधक दवा

बिहारशरीफ : मगध होमियोपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल बिहारशरीफ में सोमवार को होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति के जनक डॉ हैनिमन को 262 वां जन्म दिवस हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया. इस मौके पर महाविद्यालय द्वारा प्रात:काल में शहर में प्रभातफेरी निकाली गयी. प्रभातफेरी में महाविद्यालय के दर्जनों छात्र-छात्राएं व शिक्षकों ने भाग लिया. प्रभातफेरी शहर के प्रमुख मोहल्लों से होते हुए वापस महाविद्यालय परिसर में लौट आई. इस अवसर पर महाविद्यालय में नि:शुल्क चिकित्सा शिविर कर सैकड़ो रोगियों की जांच कर दवा भी दिया गया. कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उत्तम कुमार जवाहर ने कहा कि होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति की खोज कर महात्मा हैनिमन ने मानवता पर बड़ा उपकार किया है. आज अनेक ऐसे असाध्य रोग है,
जिनका होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति द्वारा सरलता से इलाज किया जा रहा है. जबकि अन्य पद्धति बेअसर साबित होती है. होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति आसान, सरल एवं वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति है. इसे स्वीट पील्स ऑफ लाईफ के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने कहा कि सरल तथा असकारक होने के कारण ही होमियोपैथिक चिकित्साा शहारों से गांवों तक अपनी पकड़ बनाई है. लोग धड़ल्ले से होमियोपैथिक पद्धति का इस्तेमाल कर निरोग हो रहे है. कॉलेज के व्याख्याता डॉ. रमेश कुमार ने इस मौके पर कहा कि होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति चिकित्सा जगत का एक तोहफा दिया है. होमियोपैथिक की दो-चार सफेद गोलियां बड़े-बड़े रोगों का भी सफाया कर देती है. अन्य वक्ताओं ने कहा कि होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति का उत्तरोत्तर विकास होना समाज के हित में है. कॉलेज में संचालित आऊट डोर में प्र्रतिदिन दर्जनों रोगियों का इलाज किया जाता है.
इसका कोई साईडइफेक्ट नहीं होने के कारण सभी लोगों के इस्तेमाल योग्य है. हैनिमन जयंती के अवसर पर लोगों के बीच चेचक की प्रतिषेधक दवा का नि:शुल्क वितरण किया गया. कार्यक्रम में डॉ.राकेश शरण, डॉ. संजय कुमार सहित सैकड़ो छात्र-छात्राऐं मौजूद थे. बिहार आयुष चिकित्सा संघ द्वारा गुरुवार को हैनिमन जयंती के मौके पर हार्ट ब्लॉकेज से बचाव विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता पर रहे डाॅ रुपम खत्री ने कहा कि होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति की खोज आधुनिक विश्व के महानता खोजों में से एक है. होमियोपैथी चिकित्सा मानव के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. आयोजक डाॅ अरुण कुमार मयंक ने कहा कि जटिल और असाध्य कहे जाने वाले रोगों का भी उपचार होमियोपैथिक पद्धति से आसान है.
योगगुरू डाॅ मनोज कुमार ने अपने व्याख्यान में कहा कि योग और व्यायाम के रूप में बॉडी को वार्म अप करने, भोजन में दलिया और सलाद का प्रयोग करके हार्ट ब्लॉकेज से बचा जा सकता है. डा. संजय कुमार ने हेयर ट्रांसमिशन के माध्यम से हार्ट ब्लॉकेज को दूर करने की जानकारी दी. डा. शिव नारायण के हृय होमियोपैथी पर प्रकाश डाला. वैध देवकांत कश्यप, डा. रुपम खत्री आदि ने आयुर्वेद के माध्यम से हार्ट ब्लॉकेज का उपचार की जानकारी दी. डा. अयोध्या प्रसाद, डा. अमल कुमार, डा. प्रेम रंजन कुमार, डा. आकाश कुमार, डा. दीपक कुमार, डा. प्रदीप कुमार, वैध प्रमोद कुमार, डा. सुनील खत्री आदि ने भी हार्ट ब्लॉकेज के उपचार पर गहराई से चर्चा की. इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत डा. हैनिमन की तस्वीर का दीप प्रज्ज्वलित कर तथा पुष्प अर्पित कर मुख्य अतिथि वसंत प्रसाद सिंह तथा बिरेन्द्र प्रसाद सिंह द्वारा किया गया.

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