झुलसे को भेजने के लिए नहीं मिला एंबुलेंस, हंगामा
बरात के लिए खाना बनाने के दौरान सिलिंडर में रिसाव से हुआ हादसा हरनौत (नालंदा) : स्थानीय अस्पताल में उस समय अफरातफरी मच गयी, जब बस्ती गांव में सिलिंडर में लगी आग से झुलस कर घायलों को इलाज के लिए भरती कराया गया. प्रारंभिक इलाज कराने के बाद चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए सदर […]
बरात के लिए खाना बनाने के दौरान सिलिंडर में रिसाव से हुआ हादसा
हरनौत (नालंदा) : स्थानीय अस्पताल में उस समय अफरातफरी मच गयी, जब बस्ती गांव में सिलिंडर में लगी आग से झुलस कर घायलों को इलाज के लिए भरती कराया गया. प्रारंभिक इलाज कराने के बाद चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर कर दिया. रेफर करने के बाद घायलों को सदर अस्पताल लाने के लिए हरनौत अस्पताल में एंबुलेंस नहीं था. लिहाजा घायलों के परिजनों एवं शुभचिंतकों में अफरातफरी मच गयी. सदर अस्पताल लाने के लिए परिजनों को सोचना पड़ा.
काफी माथापच्ची के बाद निजी वाहन व स्थानीय थाना के सरकारी वाहन का सहारा मिला. तब जाकर परिजनों में राहत महसूस की. मालूम हो कि हरनौत थाने के बस्ती गांव निवासी धर्मवीर पांडेय के घर में सोमवार को शादी समारोह में खाना बनाने के दौरान गैस सिलिंडर में रिसाव से आग लग गयी. इस घटना में धर्मवीर पांडेय एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गये थे.
इधर, डीएम के प्रभार में रहे डीडीसी कुंदन कुमार घटना की सूचना पाकर बस्ती गांव पहुंचे और घायलों के इलाज के लिए प्रति घायल को 4300-4300 रुपये नकद देने की घोषणा की.
डीडीसी के आदेश पर स्थानीय बीडीओ ने उक्त राशि उपलब्ध करायी. ज्ञात हो कि इस अगलगी की घटना में लाखों की संपत्ति क्षति हुई. साथ ही गाय भी गंभीर रूप से झुलस गयी.
एंबुलेंस की कमी से हो रही परेशानी
हरनौत अस्पताल में एंबुलेंस उपलब्ध नहीं रहने पर ग्रामीणों ने हंगामा किया. हंगामा कर रहे ग्रामीणों ने कहा कि इस अस्पताल में एंबुलेंस सुविधा नहीं रहने से आये दिन गंभीर मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ती है. सबसे विकट समस्या गरीब मरीजों को उठानी पड़ती है. गरीब चाह कर भी निजी वाहन का खर्च उठाने में सक्षम नहीं होते हैं. नाराज ग्रामीणों ने मरीजों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए अस्पताल में अविलंब एंबुलेंस उपलब्ध कराने की मांग की.