जिले में मौसम के बदलने से किसानों की परेशानी बढ़ी

बिहारशरीफ : पिछले दो दिनों से मौसम के मिजाज में आये बदलाव से जिले के किसान हैरान व परेशान हैं. तैयार रबी की फसलें खेत-खलिहानों में पड़ी हुई है. इस मौसम में बारिश के साथ ओले पड़ने की संभावना अधिक रहती है पिछले दो दिनों से जिले में बारिश तो नहीं हुई है, मगर आसमान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 21, 2017 12:44 AM

बिहारशरीफ : पिछले दो दिनों से मौसम के मिजाज में आये बदलाव से जिले के किसान हैरान व परेशान हैं. तैयार रबी की फसलें खेत-खलिहानों में पड़ी हुई है. इस मौसम में बारिश के साथ ओले पड़ने की संभावना अधिक रहती है

पिछले दो दिनों से जिले में बारिश तो नहीं हुई है, मगर आसमान में बादलों की भाग-दौड़ जारी है. आसमान में बादलों की भागम-दौड़ देख किसानों का कलेजा फट रहा है. गेहूं, चना, मसूर, अरहर, मटर, खेसारी, सरसों की तैयार फसल किसान किसी तरह काट कर दौनी करने की तैयारी में जूटे है. ऐसे मौसम के बदले हुए मिजाज से उनमें फसल बरबाद होने की आशंका घर करने लगी है. मौसम को देखते हुए किसान जैसे-तैसे दौनी का कार्य संपन्न करने में जूटे हुए थे,
मगर पिछले दो दिनों से धूप नहीं निकलने के कारण उनके इस काम में बाध आ गयी है. दौनी के कार्य के लिए फसल को पूरी तरह सूखा होना जरूरी है. किसानों की माने तो रबी फसल को पैदा करने में प्रति एकड़ छह से सात हजार रूपये की पूंजी लगी हूई है. बारिश होने से किसानों को जमा पूंजी डूब जाने का भय सताने लगा है. नूरसराय के किसान राम खेलावन प्रसाद, चंडी के रामेश्वर महतो, नगरनौसा के किसान बीरेंद्र प्रसाद आदि ने बताया कि अभी रबी फसल की दौनी का समय है.
ऐसे में बारिश होने से किसानों को काफी नुकसान होगा. कृषि विज्ञान केंद्र, हरनौत के कृषि वैज्ञानिक डॉ. एन के सिंह बताते है कि अभी रबी फसलों के दौनी का समय है.
इस मौसम में बारिश होने का मतलब है ओला वृष्टि . ओलावृष्टि सभी प्रकार के फसलों को नुकसान होगा. गेहूं, अरहर, चना, मसूर, खेसारी, सरसों आदि की तैयार फसलें खेत-खलिहानों में पड़ी हुई है. ऐसे में बारिश होने से इन फसलों को भारी नुकसान होगा. डॉ सिंह बताते हैं कि केवल बारिश होने की स्थिति में ही इन फसलों को नुकसान पहुंचेगा. बारिश होने से गरमा मूंग,तिल,सूर्यमुखी की फसल को फायदा हो सकता है.

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