शेखपुरा. मंडल कारा में दो कैदियों की बर्बरतापूर्वक पिटाई के बाद 17 मार्च से प्रारंभ अनशन के तीसरे दिन तीन कैदियों की हालत बिगड़ गयी. इस घटना में भूख हड़ताल से गंभीर अवस्था में कैदी कार्तिक पाठक को सदर अस्पताल में स्लाइन एवं आक्सीजन लगा कर उपचार लाभ दिया जा रहा है, जबकि कैदी धीरेंद्र सिंह एवं धीरज सिंह को मंडल कारा परिसर में स्लाइन कर उपचार लाभ दिया जा रहा है. सदर अस्पताल में भरती कैदी कार्तिक पाठक शहर के तरछा मोहल्ले का निवासी है तथा अपनी ही पत्नी की हत्या के आरोप में जेल में बंद है.
पीड़ित कैदी ने बताया कि घटिया भोजन का विरोध करने पर स्वयं जेलर अरविंद कुमार एवं जमादार नरेंद्र सिंह समेत तीन लोगों ने कैदी अरुण सिंह एवं मुन्ना सिंह को बेंत और लात-घूंसे से पिटाई की थी. इस घटना के विरोध में जेल के अंदर करीब तीन दर्जन बंदी 17 मार्च से भूख हड़ताल पर डटे हैं.
इस घटना में जिम्मेवार जेलर के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर कैदियों का तीन दिनों से जारी हड़ताल को लेकर किसी भी प्रशासनिक अधिकारियों ने सुध तक नहीं ली है.
इस घटना में जेल का निरीक्षण करनेवाले काराधीक्षक पर भी कैदियों ने समझौते के लिए ही दबाव बनाने का आरोप लगाया है. कैदियों ने बताया कि इस पूरी घटना क्रम में प्रशासनिक हस्तक्षेप नहीं होने से मंडल कारा प्रशासन का मनोबल बढ़ रहा है. ऐसे हालात में किसी समय अनहोनी की घटना घट सकती है. इस घटना के दौरान सदर अस्पताल में मीडिया से रूबरू हुए काराधीक्षक राजेश्वर प्रसाद ने मंडल कारा में कैदियों के अनशन को सिरे से खारिज कर दिया. इसके साथ ही सामान्य बीमारी बता कर कैदियों को सदर अस्पताल लाये जाने की बात कही. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कुछ कैदी बाउंड्री पार से शराब की बोतलें फेंकवा कर जेल के अंदर शराब पीते हैं. इसी को लेकर सख्ती बरती गयी है.