जल की निकासी की समस्या भी इस वार्ड में जटिल, पीसीसी जर्जर

विकास पर ज्यादा राशि खर्च करने की जरूरत बिहारशरीफ : शहर का वार्ड संख्या 26 आज भी कई मामलों में ग्रामीण क्षेत्रों से आगे नजर नहीं आता है. इस वार्ड में गुफा पर, गढ़ पर, निचली गुफा पर, कमरूद्दीनगंज, धनेश्वर घाट, प्रोफेसर कॉलोनी, उदंतपुरी, सुंदरगढ़ तथा माही खंदक मोहल्ले आते हैं. इनमें कई मोहल्लों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2017 4:13 AM

विकास पर ज्यादा राशि खर्च करने की जरूरत

बिहारशरीफ : शहर का वार्ड संख्या 26 आज भी कई मामलों में ग्रामीण क्षेत्रों से आगे नजर नहीं आता है. इस वार्ड में गुफा पर, गढ़ पर, निचली गुफा पर, कमरूद्दीनगंज, धनेश्वर घाट, प्रोफेसर कॉलोनी, उदंतपुरी, सुंदरगढ़ तथा माही खंदक मोहल्ले आते हैं. इनमें कई मोहल्लों में जलापूर्ति योजना की स्थिति अत्यंत ही गंभीर है. धनेश्वर घाट का पूरा क्षेत्र एकमात्र जलापूर्ति केंद्र पर आश्रित है. इसी प्रकार प्रोफेसर कॉलोनी तथा सुंदरगढ़ में भी पेयजल की समस्या गंभीर है.
हालांकि वार्ड नंबर 26 की आबादी लगभग 12 हजार है. इसमें लगभग 950 मकानों के स्वामी लाखों रूपये टैक्स नगर निगम को चुकाते हैं. इसके बावजूद मोहल्ले का विकास अधूरा है. वार्ड की नालियां और गलियां भी बेहतर स्थिति में नहीं है. धनेश्वरघाट के पीछे के मोहल्ले में गलियों की पीसीसी ढलाई काफी पुरानी हो चुकी है तथा नालियों के ढक्कन तक गायब हो चुके हैं. पिछले वर्ष इसी गड्ढे में गिर कर एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है, लेकिन नगर निगम अनजान बना हुआ है.
बड़ा वार्ड होने के कारण इसके विकास पर ज्यादा राशि खर्च करने की जरूरत है. अन्यथा एकतरफ काम कराया जाता है तब तक दूसरा काम पुराना पड़ जाता है. गंदे जल की निकासी की समस्या भी इस वार्ड में जटिल है. अधिकांश मोहलले सामान्य से नीचे की जमीन पर बसे हैं तथा गलियों की ढलाई ऊंची हो जाने से जल का निकास मुश्किल है.
इसी प्रकार नाले को किसी अन्य मुख्य नाला से नहीं जोड़े जाने के कारण मोहल्ले में ही पानी खाली प्लॉटों में जमा रहता है. इससे मक्खी-मच्छरों के साथ-साथ आवारा पशुओं का भी यह शरण स्थली बन गया है.
इससे मोहल्लेवासियों को बदबू और मच्छरों से परेशानी होती है. हालांकि पूर्व वार्ड पार्षद द्वारा जलापूर्ति नल लगाने का प्रयास किया गया था. इसी का प्रतिफल है कि वार्ड नंबर 26 के कुछ मोहल्लों में पेयजल को सुदृढ़ करने के लिए 74 करोड़ रूपये का टेंडर पास हुआ है. हालांकि अभी मोहल्लेवासियों को घर तक पानी पहुंचने का इंतजार करना पड़ेगा.
पानी खाली प्लॉटों में जमा रहता
पार्षद से बात
समस्याओं को किया जायेगा दूर
वार्ड पार्षद रीना महतो का कहना है कि उनके पति परमेश्वर महतो द्वारा 10 वर्षों तक मोहल्ले के विकास का कार्य किया गया. अब पति की जगह पर मतदाताओं ने उन्हें मौका दिया तो वे उनके द्वारा कराये जा रहे विकास कार्यों को आगे बढ़ायेंगी. जो कार्य उनके कार्यकाल में अधूरे रह गये हैं उन्हें हर हाल में पूरा किया जायेगा. उन्होंने बताया कि उनके वार्ड में जलजमाव तथा पेयजल की गंभीर समस्या है. कई मोहल्लों में तो जलापूर्ति पाइप तक नहीं बिछे हैं.
ऐसे में सभी मोहल्लों में जलापूर्ति योजना के माध्यम से पेयजल आपूर्ति को सुदृढ़ बनाया जायेगा. अभी वार्ड के तीन स्थलों पर जलमीनार बनाये गये हैं. आगे इस प्रकार के और भी जलमीनार बना कर पेयजल की किल्लत को दूर किया जोयगा. कमरूद्दीनगंज, धनेश्वर घाट तथा गुफा पर की गलियों को पीसीसी ढलाई करायी जायेगी.
जल निकासी की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सुंदरगढ़ तथा गढ़ पर के नालों का निकास अन्य नालों में जोड़ कर किया जायेगा. वार्ड पार्षद रीना महतो कहती है कि वार्ड में नाली, गली तथा पेयजल की समस्या को दूर कर मोहल्लेवासियों को इन समस्याओं से निजात दिलाया जायेगा. इसके साथ ही साथ सामाजिक सुरक्षा योजना तथा आवास योजना आदि के माध्यम से भी लोगों को लाभान्वित किया जायेगा.

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