मनरेगा राष्ट्रीय अवार्ड के लिए नालंदा का चयन
पुरस्कार. प्रोजेक्ट जल संचय पर किये गये बेहतर काम पर हुआ चयन बिहारशरीफ : कई राउंड की प्रतियोगिता और स्थलीय जांच के बाद मनरेगा के राष्ट्रीय अवार्ड के लिए नालंदा का चयन किया गया है. लंबे अंतराल के बाद देश स्तर पर नालंदा जिले का चयन किया गया है. नेशनल अवार्ड के लिए नालंदा का […]
पुरस्कार. प्रोजेक्ट जल संचय पर किये गये बेहतर काम पर हुआ चयन
बिहारशरीफ : कई राउंड की प्रतियोगिता और स्थलीय जांच के बाद मनरेगा के राष्ट्रीय अवार्ड के लिए नालंदा का चयन किया गया है. लंबे अंतराल के बाद देश स्तर पर नालंदा जिले का चयन किया गया है. नेशनल अवार्ड के लिए नालंदा का चयन होने से जिले के लोगों में काफी हर्ष और उत्साह है. अवार्ड के लिए चयन की सूचना जिला प्रशासन को उपलब्ध हो गयी है. 19 जून को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों नालंदा के उपविकास आयुक्त कुंदन कुमार सम्मान ग्रहण करेंगे.
सम्मान समारोह में भाग लेने के लिए वे पहले ही टीम के साथ रवाना हो जायेंगे. मनरेगा में प्रोजेक्ट जल संचय में बेहतर काम करने के लिए यह अवार्ड मिला है. देश स्तर पर 709 जिलों की प्रति स्पर्धा से गुजरने के बाद,दूसरे चरण में देश के 56 जिलों के बीच हुई प्र्रतियोगिता में से नालंदा समेत देश के 17 जिलों का चयन किया गया है.
राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार के लिए सूबे के नालंदा और पश्चिम चंपारण का नाम भेजा गया था. लेकिन देश स्तर पर नालंदा के काम ने सफलता दिलायी. संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी देते हुए डीडीसी कुंदन कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय अवार्ड के लिए नालंदा का चयन हुआ. प्रोजेक्ट जल संचय के छह कार्यों के आधार यह पुरस्कार मिलने जा रहा है.
चेक डैम बनने से 130 गांवों को पहले चरण में होगा फायदा : मनरेगा शिकायत के रूप में जाना जाता था. मनरेगा के प्रति सकारात्मक सोच लोगों के बीच बने, इसके लिए टीम बनाकर काम किया गया. वे बताते हैं सिस्टम कितना भी खराब क्यों न हो, काम करने वाली टीम हो तो काम बेहतर होता ही है. नालंदा कृषि प्रधान जिला है.
यहां के किसान एक साल में तीन-तीन फसलों की खेती करते हैं, पर पानी की समस्या किसानों को परेशान कर देती है. इसे दूर करने के लिए वर्ष 2016 में जल संचय करने की प्लानिंग की गयी. इसके तहत चेक डैम, आहर-पइन की उड़ाही, खेत-पोखरी का निर्माण, परंपरागत तालाबों का जीर्णोद्धार, वाटर हारवेस्टिंग , सोक पिट, गेड़ाबंदी, सघन पौधारोपण व जल जागरूकता पर पर काम किया गया. टीम के सदस्य सहायक अभियंता विनोद कुमार सिन्हा, पीओ राकेश व जेइ के सहयोग से पहले चरण में 16 चेक डैम बनाये गये.
बनाये गये चेक डैम से 130 गांवों के 14662 किसान लाभान्वित हुए. हजारों एकड़ भूमि सिंचित हुई. अाहर-पइन के जीर्णोद्धार से 1300 किलोमीटर की लंबाई में 2000 पइन और अाहर पर काम किया गया.
निजी भूमि पर खेत-पोखरी निर्माण एवं 67 परंपरागत तालाब का जीर्णोद्धार कराया गया. चेक डैम से खेतों की सिंचाई तो हुई ही, आस-पास के जल स्तर काे लेवल में रखने में कारगर साबित हो रहा है. खेत-पोखरी में मछली पालन करके किसान कमाई भी कर रहे हैं.150 और चेक डैम का प्रपोजल नालंदा के डीडीसी कुंदन कुमार को किसानों ने दिया.
कई राउंड के प्रेजेंटेशन और भौतिक सत्यापन के बाद लिया गया निर्णय
प्रधानमंत्री के हाथों 19 जून को सम्मान ग्रहण करेंगे डीडीसी
क्या कहते है अधिकारी
नेशनल अवार्ड के लिए चयन होना सूबे और नालंदा के लिए गौरव की बात है. योजनाओं को बेहतर तरीके से क्रियान्वयन करके ही अधिक-से-अधिक लोगों को फायदा पहुंचाया जा सकता है.
कुंदन कुमार, उपविकास आयुक्त, नालंदा
नालंदा के डीडीसी के सकारात्मक सोच का ही नतीजा है कि मनरेगा में बेहतर करने का मौका मनरेगा कर्मियों को मिला है. सकारात्मक काम करने करने के लिए कर्मियों को हमेशा प्रोत्साहित करते हैं.
विनोद कुमार सिन्हा, सहायक अभियंता, डीआरडीए