Bihar के इस जिले में है प्रसिद्द औंगारी धाम सूर्यमंदिर, कहानी जान उड़ जायेंगे होश
Nalanda: औंगारी धाम सूर्यमंदिर में पूजा अर्चना करने वाले लोगों को कंचन काया,पुत्र सुख,समृद्धि व शांति समेत अन्य प्रकार की मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. यह ऐतिहासिक धार्मिक सूर्य नगरी औंगारीधाम एकंगरसराय बाजार से करीब 6 किलोमीटर पुरब- दक्षिण कोण पर अवस्थित हैं.
Bihar: नालन्दा स्थित औंगारी धाम सूर्यमंदिर सूर्योपासना के लिए आस्था का महान केन्द्र है. भगवान अंगारक के नाम से प्रसिद्ध हुआ और धीरे-धीरे यह औंगारीधाम के रुप में कालान्तर में प्रख्यात हुआ. चैती एवं कार्तिक महीने में छठब्रत करने के लिए भारत के कोने-कोने से लोग यहाँ आते हैं. सूर्य भगवान के दर्शन से अनुभव होता है, कि इनके अन्दर से दिव्य प्रकाश प्रस्फुटित हो रहे हैं. इनके बगल में इनके सहचर देव भगवान विष्णु की अदभुत प्रतिमा है. सूर्य और विष्णु के अनेक रूपों के साथ अठारह अन्य ब्रह्मा, गणेश, शंकर, पार्वती, दुर्गा, व सरस्वती सहित कई देवी- देवताओं की भी प्रतिमाएँ विराजमान है.
क्या है मान्यता
लोगों का मानना है द्वापर युग से आज तक यहां से न जाने कितने लोगों की मनसा लालसा इनके पूजन से प्राप्त हुये हैं. जहाँ तक इस मंदिर की स्थापना की बात आयी है, तो इस सम्बंध में जनश्रुति है, कि भगवान श्री कृष्ण का पौत्र साम्व सौंदर्य में कृष्ण के समतुल्य थे. वे भूलवश गोपियों के बीच भगवान श्री कृष्ण से मिलने के उद्देश्य से गये पर वहां सभी गोपियों ने साम्व को श्री कृष्ण समझकर उनके साथ खेलने लगी, हालांकि प्राचीनतम पुस्तकों में यह वर्णित है, कि शाम्ब ने इस पर प्रतिक्रिया भी जतायी, लेकिन गोपियाँ एक न मानी. इसी को ले भगवान श्री कृष्ण इस लीला को देख क्रोधित हो शाम्ब को श्राप दे दिया कि तुम अपनी सौंदर्य रूप खोते हुए कुष्ठ रोग का योग प्राप्त करोगे.
शाम्ब को श्री कृष्ण के शाप से कुष्ठ रोग हुआ, और चिंतित अवस्था में शाम्ब ने नारद से इसका निदान का उपाय पूछा, तो नारद ने कहा कि उपाय तो श्री कृष्ण ही प्रदान करेंगे, ततपश्चात शाम्ब ने श्री कृष्ण से निवेदन किया कि मुझे इस रोग से मुक्ति का मार्ग बताये. श्री कृष्ण ने कहा कि शाम्ब जब तुम सम्पूर्ण भारत में 12 सूर्य की स्थापना कर उनका अनुष्ठान एवं पूजन करोंगे, तब तुम पुनः अपने सौंदर्य रूप यौवन को प्राप्त करोगे. और वही बारह सूर्य स्थापनो में एक औंगारीधाम सूर्य मंदिर व तालाब है. औंगारीधाम सूर्य मंदिर तालाब में स्नान करने एवं पानी पीने से अन्य तरह की बीमारियों से मुक्त होती हैं.
मनोवांछित फल की होती है प्राप्ति
यहां पूजा अर्चना करने वाले लोगों को कंचन काया,पुत्र सुख,समृद्धि व शांति समेत अन्य प्रकार की मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. यह ऐतिहासिक धार्मिक सूर्य नगरी औंगारीधाम एकंगरसराय बाजार से करीब 6 किलोमीटर पुरब- दक्षिण कोण पर अवस्थित हैं. यहाँ एक बहुत बड़ा पुराने धर्मशाला बना हुआ है, सूर्य मन्दिर के बगल में औंगारी थाना हैं. तालाब के दक्षिण बगल में लाल सिंह त्यागी महाविद्यालय एवं मध्य विद्यालय हैं. दक्षिण मध्य बिहार ग्रामीण बैंक,पंचायत भवन, मौजूद हैं. यहाँ पर औंगारीधाम ट्रस्ट हैं, जिसका अध्यक्ष रामभूषण दयाल एवं उपाध्यक्ष बीएन यादव हैं.
ट्रस्ट के माध्यम से तालाब घाटो की सफाई, शुलभ शौचालय, पेयजल, सीढ़ी मरम्मती समेत अन्य कई प्रकार का कार्य कराये जा रहे है. वही सूर्यमठ विकास सेवा समिति औंगारी के अध्यक्ष डॉ0 अशोक कुमार पाण्डेय हैं, सचिव सह मन्दिर के प्रधान पुजारी गंगाधर पाण्डेय है. सूर्यमठ विकास सेवा समिति के द्वारा मन्दिर के चारों तरफ मंडप, ओसरा, निर्माण, रोशनी, माईक समेत मन्दिर प्रांगण में अन्य कई प्रकार की सराहनीय कार्य कराया जा रहा है. मन्दिर के मंडल निर्माण कार्य में औंगारी के समाजसेवी महेन्द्र प्रसाद का भी सहयोग काफी सराहनीय रहा हैं.
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