Bihar News: नालंदा में पशुपालकों के लिए खुशखबरी है. जिला प्रशासन ने 12 आधुनिक पशु चिकित्सालयों की स्थापना की महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दे दी है. प्रति अस्पताल 1.16 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इन चिकित्सालयों से ग्रामीण क्षेत्रों में पशु स्वास्थ्य सेवाओं को एक नई दिशा मिलेगी.
राजगीर के भूई, इस्लामपुर के खुदागंज और बेन के बारा में पहले चरण के निर्माण कार्य के लिए बिहार राज्य भवन निर्माण निगम द्वारा निविदा जारी कर दी गई है. बेन के जनारो, नूरसराय के नदियावां और हरनौत के तेलमर में भी भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है.
इन चीजों को ध्यान में रखकर चिकित्सालय का डिजाइन तैयार
अत्याधुनिक चिकित्सालयों का डिजाइन विशेष रूप से पशु चिकित्सा की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. भूतल पर चिकित्सकों के लिए आधुनिक चैंबर, प्रयोगशाला, भंडारण कक्ष और पशुओं के लिए विशेष शेड की व्यवस्था की जाएगी. प्रथम तल पर चिकित्सकों के लिए आवासीय सुविधाएं होंगी, जिससे आपातकालीन स्थितियों में 24×7 सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें.
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चिकित्सालयों की स्थापना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मिलेगा बल
पशुपालन विभाग के पदाधिकारियों का कहना है कि, चिकित्सालय के लिए 140×120 फीट का क्षेत्रफल निर्धारित किया गया है. बिहारशरीफ के छबिलापुर, करायपरशुराय और हिलसा के कोरावां में भूमि की तलाश की जा रही है. चिकित्सालयों की स्थापना से न केवल पशुधन की बेहतर देखभाल सुनिश्चित हो पाएगी. बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा. योजना के तहत दीपनगर, नीरपुर और सुपासंग में भी चिकित्सालयों की स्थापना प्रस्तावित है.
वैकल्पिक स्थलों की भी तलाश कर रहा प्रशासन
हालांकि, वहां भूमि के मानकों को लेकर कुछ चुनौतियां आ रही हैं. प्रशासन वैकल्पिक स्थलों की भी तलाश में जुटा है. परियोजना के पूरा होने से जिले में पशु चिकित्सा सुविधाओं का एक मजबूत नेटवर्क स्थापित होगा, जो ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को एक नई ऊंचाई पर ले जाने में मदद करेगा.
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