Cyber Crime: बिहार में इन दिनों साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. आए दिन डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आता है. ऐसा ही एक मामला नालंदा जिले से सामने आया है, जहां रेलवे के एक कर्मी को साइबर अपराधियों ने करीब 120 घंटे यानी 5 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर के रखा और इस दौरान अपराधियों ने उनसे करीब 1 लाख 60 हजार रुपए की ठगी कर ली. पीड़ित की पहचान भोजपुर जिला के जगदीशपुर का रहने वाला विकास कुमार के रूप में हुई है. वह हरनौत रेल कोच कारखाना के एचआरएस विभाग में सहायक के पद पर कार्यरत है.
अपराधियों ने की 5 लाख की डिमांड
पीड़ित विकास कुमार ने बताया कि उसके मोबाइल पर किसी अनजान नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया और फोन करने वाला व्यक्ति खुद को साइबर क्राइम दिल्ली और सीबीआई बताते हुए कहा कि उसके खिलाफ दिल्ली में केस दर्ज हुआ है. इसके बाद अपराधियों ने गिरफ्तारी का भय दिखाया. ऑनलाइन रहते हुए पीड़ित को घर में रहने को कहा गया और बैंक से मामला रफा दफा करने व कोर्ट से जमानत दिलाने के बदले 5 लाख रुपए की मांग की गई. मामला खत्म होने तक उसे किसी से भी बात करने की इजाजत नहीं थी साथ ही किसी का फोन भी उठाने पर मनाही थी.
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दोस्त ने बताई डिजिटल अरेस्ट की बात
जब पीड़ित ने 5 लाख रुपए देने में असमर्थता जताई तो ठग ने उसे फिलहाल 1 लाख 60 हजार देने को कहा और बाकी के पैसे बाद में भेजने की बात कही. इसके बाद कर्मी ने उसे ऑनलाइन रुपए भेज दिए. पांच दिनों तक वह बदमाश के चंगुल में फंसा रहा. इसी चक्कर में वह दो दिनों तक ऑफिस भी नहीं गया. 4 फरवरी को पीड़ित ने अपने एक दोस्त से रुपए मांगा, तब दोस्त ने उसे साइबर ठगों द्वारा डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की बात बताई, इसके बाद वह कमरे से बाहर निकला. जब उसे एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हुई है तो वह अफसोस करने लगा. इसके बाद ठगी की शिकायत उसने हरनौत थाने की. प्रभारी थानाध्यक्ष गणेश कुमार राय ने बताया कि आवेदन मिला है, मामले की जांच की जा रही है.