Drought in Nalanda: मानसून का समय आया और जा भी रहा है. लेकिन बिहार के नालंदा में किसानों को बारिश से भेंट होती नही दिख रही है. जुलाई का अंतिम सप्ताह भी समाप्त होने हो को है लेकिन नालंदा में बारिश होती नही दिख रही है. जिससे खरीफ की फसल खासकर कि धान की फसल पर इसका गहरा असर दिख रहा है. कृषि विभाग के अनुसार 26 जुलाई तक केवल 28 प्रतिशत रोपनी हुई है. लेकिन इस समय तक लगभग 55 प्रतिशत धान की रोपाई हो जानी चाहिए थी.
बारिश ना होने के कारण प्रभावित हो रही रोपनी
नालंदा जिले के कृषि अधिकारी राजीव कुमार ने बताया – कि इस साल जिले में 1,44,948 हेक्टेयर में धान लगाने लक्ष्य था. लेकिन अब तक 39,659 हेक्टेयर में ही धान लग पाया है. बारिश ना होने के कारण रोपनी तो प्रभावित हुई ही है. साथ में बिचड़े भी ख़राब होने लगी है.
10 दिन में बारिश नहीं हुई तो सूखे की चपेट में आ जायेगा पूरा क्षेत्र
जिले के किसानों का कहना है कि – यदि अगले 10 दिन में बारिश नहीं हुई तो पूरा क्षेत्र सूखे की चपेट में आ जायेगा.स्थानीय लोगों के अनुसार – शुरूआती सप्ताह में तो बारिश अच्छी हुई थी. लेकिन उसके बाद बादलों ने रास्ते ही बदल लिए, और बारिश का फुहार बिलकुल थम सी गई है. नदी नाले सब सूख गए है. तालाब का पानी सूख गया है.
बिजली के सहारे धान की रोपाई करना बहुत मुश्किल
स्थानीय किसानों का कहना है कि ऐसी स्थिति में केवल वही किसान धान की रोपाई कर पाएंगे जिनके पास स्वयं का नलकूप है. लेकिन यहाँ भी बिजली की कटौती एक बड़ी समस्या है. बिजली के सहारे धान की रोपाई करना बहुत मुश्किल और चुनौतीपूर्ण काम हो गया है.अच्छी उपज के लिए 15 अगस्त तक धान की रोपाई काम पूरा हो जाना अति महत्वपूर्ण है. इसके बाद अगर धान की रोपाई की जाती है तो इसका असर सिर्फ उपज पर तो पड़ता ही है साथ ही आगे रवि की फसल भी प्रभावित होती है.
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अगले कुछ दिनों में हो सकती है हल्की मध्यम बारिश
जिले के कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अगले सप्ताह अच्छी बारिश नहीं हुई तो इस वर्ष धान की उपज का लक्ष्य पूरा करना बहुत मुश्किल होगा. मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अगले कुछ दिनों में हल्की मध्यम बारिश होने के आसार हैं. लेकिन यह बारिश नालंदा के किसानों को क्या उम्मीद देगी यह बारिश के होने पर निर्भर है