पर्यटक शहर राजगीर के नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए हर घर नल जल योजना का क्रियान्वयन वर्षों से किया जा रहा है. करीब 23 करोड़ की इस योजना का लाभ राजगीर नगर पर्षद के नागरिकों को नहीं मिल रहा है. शहर में पीने के पानी के लिए सर्वत्र हाहाकार मचा है. कुछ वार्डों में पाइप लाइन बिछाने का कार्य पूरा हो गया है. जिन वार्डों में पीएचइडी द्वारा पाइपलाइन बिछाने का कार्य वर्षों पहले हो चुका है. वहां भी हर घर नल जल योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.
शहरवासी शुद्ध पानी पीने के लिए तरस रहे हैं. जानकारों की मानें तो राजगीर में हर घर नल जल योजना हो या जलापूर्ति योजना दोनों कागजों में किया जा रहा है. कागज पर पर्यटक शहर के सभी घरों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन हकीकत कुछ और है. राजगीर में हर घर नल जल योजना का क्रियान्वयन पीएचइडी द्वारा किया जा रहा है, तो शहर में वाटर सप्लाइ की जिम्मेदारी नगर पर्षद को है. इन दोनों विभागों में समन्वय नहीं होने का खामियाजा शहरवासियों को भुगतान पड़ रहा है.
सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना के लाभ से शहर के लोग अब भी वंचित हैं. पीएचइडी के माध्यम से हर घर नल जल योजना का निर्माण कराया जा रहा है. शहर में जलापूर्ति व्यवस्था की जिम्मेदारी नगर पर्षद खुद संभाले हुए है, लेकिन नगर पर्षद की लापरवाही के कारण राजगीर में जलापूर्ति व्यवस्था दम तोड़ रही है. महीने में एक दिन भी वैसा नहीं कि सभी वार्डों में जलापूर्ति होती है. वाटर सप्लाइ के इंतजार में नागरिकों की आंखें पथरा जाती हैं, लेकिन नल से पानी नहीं टपकता है.
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राजगीर को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना शासन द्वारा बनायी गयी है. धन भी आवंटित किया गया है, लेकिन विभागीय अनदेखी के कारण यह योजना सफल नहीं हो रही है. शहर में दो साल पहले दो जलमीनार बनायी गयी है. उसे अभी तक चालू नहीं किया गया है. उन जलमीनारों से आज तक एक बूंद भी वाटर सप्लाइ नहीं की गयी है. इसके कारण नागरिकों को प्यास बुझाना मुश्किल हो गया है.
नागरिकों के अनुसार इस योजना के तहत शहर के कुछ वार्डों के कुछ घरों को कनेक्शन किया गया है, लेकिन पानी नहीं मिल रहा है. ऐसे में पर्यटक शहर राजगीर के लोग सरकारी व्यवस्था पर नहीं, बल्कि खुद के नलकूप पर निर्भर हैं. जिन वार्डों में पाइप बिछाया जा चुका है. घरों को कनेक्शन भी दिया गया है. वहां के लोगों को भी वर्षों से नल से जल गिरने का इंतजार है.