बिहार: नंदकिशोर यादव समेत 2009 बैच के कई दारोगा बेखौफ होकर अपराधियों से भिड‍़े, मुठभेड़ में गंवाई जान

Bihar: समस्तीपुर में मवेशी चोरों ने SHO नंदकिशोर यादव की हत्या कर दी. अपराधियों को दबोचने गए मोहनपुर ओपी प्रभारी नंदकिशोर यादव के चेहरे पर गोली मार दी गयी थी. उनकी ट्रेनिंग भागलपुर के नाथनगर में हुई थी. 2009 बैच में ऐसे कई दारोगा निकले जो मुठभेड़ में अपनी जान गंवा चुके हैं.

By ThakurShaktilochan Sandilya | August 16, 2023 11:46 AM

नमन कुमार चौधरी, नाथनगर

समस्तीपुर जिले के मोहनपुर ओपी प्रभारी नंदकिशोर यादव को पशु तस्करों ने गोली मार दी. पटना के IGIMS अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. भैंस चोरों का आतंक उनके क्षेत्र में इन दिनों बढ़ चुका था. इसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्होंने नालंदा के कुछ मवेशी चोरों को रंगे हाथों पकड़ा था. गिरफ्तार आरोपितों की निशानदेही पर अन्य चोरों को पकड़ने गए थे. रंगे हाथों उन्हें पकड़ भी लिया लेकिन इस दौरान एक चोर ने एसएचओ के चेहरे पर गोली मार दी. गोली एसएचओ नंदकिशोर के आंख के ऊपर जा लगी. जिससे उनकी हालत गंभीर हो गयी थी. पटना के अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया. नंदकिशोर यादव की शहादत से पूरे पुलिस महकमे में गम का माहौल बना हुआ है.नंदकिशोर यादव की बहादुरी के चर्चे उनके साथी कर रहे हैं. वहीं उनकी ट्रेनिंग भागलपुर से पूरी हुई थी. उस बैच के उनके साथी भी नंदकिशोर यादव की साहस के किस्से सुना रहे हैं.वो किस कदर अपराधियों पर कहर बनकर टूटते थे, ये आज लोग भी बताते हैं.

समस्तीपुर में नंदकिशोर यादव हुए शहीद

मुठभेड़ में नंदकिशोर यादव के शहीद हो जाने की खबर सुनकर उनके साथ ट्रेनिंग किए भागलपुर के पुलिसकर्मी साथियों में शोक की लहर दौड़ पड़ी.उनके दारोगा व थानेदार साथी पुरानी बातें याद करने लगे.पुलिस महकमे मे नंदकिशोर से जुड़ी चर्चा रात तक होती रही. भागलपुर के 2009 बैच के उनके कुछ दारोगा और थानेदार साथियों ने बताया कि नंदकिशोर यादव ने सिपाही प्रशिक्षण केंद्र नाथनगर में उनलोगों के साथ ट्रेनिंग किया था. ट्रेनिंग पिरियड से ही वे साहसी थे.उनके अंदर पुलिसिंग का जज्बा भरा हुआ था.वो कभी किसी से डरते नहीं थे.वही वो काफी सरल और मिलनसार इंसान थे.एक दारोगा ने बताया कि रोज सुबह-सुबह जब नंदकिशोर यादव ट्रेनिंग में आते थे तो बड़ी ही गर्मजोशी से उनलोगों से मिलते थे.हमेशा साकारात्मक बातें करते थे.वो एक कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अफसर थे.उनकी इस तरह जाना विभाग के लिए अपूरणीय क्षति है.

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सीटीएस नाथनगर ने दिए है 2009 बैच के कई जाबांज दारोगा

1994 के काफी लंबे समय बाद 2009 मे दारोगा की बहाली आयी . बहाली मे चयनित 2009 बैच के दारोगा की ट्रेनिंग भागलपुर जिला के नाथनगर के सिपाही प्रशिक्षण केंद्र मे हुई.दरअसल, तब राजगीर में पुलिस अकादमी सेंटर बनकर तैयार नहीं हुआ था. तब सीटीएस नाथनगर के प्राचार्य आइपीएस विनोद कुमार थे जो बाद मे भागलपुर के आइजी भी बनकर आये.हालांकि अब वो इस दुनियां मे नहीं रहे. विनोद कुमार काफी सख्त प्राचार्य थे,लिहाजा उन्होंने ट्रेनी दारोगा कि ट्रेनिंग काफी इमानदारी से करायी थी. इस दौरान सीटीएस मे काफी जांबाज, तेज तर्रार व कड़क मिजाज दारोगा तैयार हुए और बाद मे वो अलग-अलग जिले मे पोस्टिंग के लिए भेजे गये.लेकिन सीटीएस मे तब 2009 बैच वालों का प्रशिक्षण इतना उच्च स्तर का हुआ कि यहां से निकलकर कई दारोगा ने मिशाल कायम कर दिया.

2009 बैच के कई दारोगा लड़ते-लड़ते जान गंवा गए..

2009 बैच के कई दारोगा ने अपराधियों को धूल चटा दी. अपनी जान की फिक्र किए बगैर उनसे जा भिड़े और अंत मे लड़ते-लड़ते अपनी जान गंवा गए . बदमाशों से आमना-सामना करने के दौरान जान गंवाने वाले 2009 बैच के दारोगा कि लिस्ट काफी लंबी है. जिन्होंने बिहार भर के विभिन्न थानों मे पदस्थापना के दौरान बदमाशों का खात्मा किया और वीरगति को प्राप्त हो गये.हालांकि इस लिस्ट में और भी बैच के दारोगा-इंस्पेक्टर शामिल हैं जो कर्तव्य पथ पर चलते-चलते शहीद हो चुके हैं. समस्तीपुर के मोहनपुर थानाप्रभारी नंदकिशोर भी इन शहीदों मे से एक है.

जिन पुलिस पदाधिकारियों की गयी जान..

  • 12 अक्टूबर 2018: खगड़िया जिले के पसराहा थानाप्रभारी आशीष कुमार सिंह (2009) कुख्यात अपराधी दिनेश मुनि को ट्रैक्टर पर चढ़कर खदेड़ते हुए दियारा पहुंच गये.वहां मुठभेड़ में आशीष सिंह की मौत हो गयी. इस गोलीबारी मे एक बदमाश भी मारा गया था.

  • 23 जुन 2014: भागलपुर जिले के शाहकुंड थाना में पदस्थापित दारोगा (2009 बैच) अविनाश कुमार अकेले ही कुख्यात अपराधी टोपला को खदेड़ते हुए बहियार पहुंच गए और बदमाशों को दबोच लिया था. इस दौरान अपराधियों ने उनके चेहरे पर गोली मार दी और उनकी जान चली गयी.

  • 24 फरवरी 2021 में सीतामढ़ी जिले के मेजरगंज थाने में तैनात दारोगा दिनेश राम (2009 बैच) की शराब माफियाओं से जबरदस्त मुठभेड़ हो गयी थी जिसमें दारोगा की जान चली गयी .चौकीदार को भी गोली लगी थी.हालांकि एक बदमाश की भी पुलिस की गोली लगकर मौत होने की बात सामने आयी थी.

  • 20 अगस्त 2019 को छपरा के मढौरा थानाक्षेत्र में एस आइटी के दारोगा मिथलेश कुमार (2009 बैच)और अपराधियों के बीच मुठभेड़ में एसआइ मिथलेश व एक सिपाही फारूक की जान गयी.इस हत्याकांड में वहां के हाईप्रोफाइल चेहरे जिप अध्यक्ष मीणा अरुण व उनके पति अरूण सिंह आरोपी बनाए गये थे.

  • 3 अक्टूबर 2016 को गया जिले के इमामगंज के कोठी थानाध्यक्ष कयामुद्दीन अंसारी (2009 बैच) की मार्निंग वाक के दौरान अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.थानाध्यक्ष अपराधियों के लिए कहर बने हुए थे जिससे गुस्साए बदमाशों ने उन्हें मार डाला था.

  • 10 अप्रैल 2021 को किशनगंज के टाउन थानाध्यक्ष अश्वनी कुमार (1994 बैच) बाइक चोर को खदेड़ते हुए बिहार-बंगाल सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर पहुंच गये थे जहां वो मॉब लिंचिंग के शिकार हो गये.अपराधियों के समर्थकों ने उनकी हत्या कर दी थी .

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