खुशखबरी! देश में खुले 75 डिजिटल बैंकिंग इकाई, बिहार और झारखंड में खाता धारकों मिलेगी ये सुविधा
PM Narendra Modi ने देश में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाई (DBU) का उद्घाटन किया है. इसमें से बिहार में एक और झारखंड में दो इकाइयां खुली. बिहार में राजधानी पटना से सटे दानापुर और रांची में जना स्मॉल फिनांस बैंक,जबकि पूर्वी सिंहभूम में बैंक ऑफ इंडिया को डीबीयू संचालन करने की जिम्मेदारी दी गयी है.
PM Narendra Modi ने देश में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाई (DBU) का उद्घाटन किया है. इसमें से बिहार में एक और झारखंड में दो इकाइयां खुली. बिहार में राजधानी पटना से सटे दानापुर और रांची में जना स्मॉल फिनांस बैंक,जबकि पूर्वी सिंहभूम में बैंक ऑफ इंडिया को डीबीयू संचालन करने की जिम्मेदारी दी गयी है. दरअसल, देश में बैकिंग व्यवस्था को सशक्त करने की शुरुआत 2014 में गरीबों के जनधन खाते खोलने वाली योजना से थी. अब बैंकिंग से जुड़ी तमाम सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाने में डिजिटल बैंकिंग यूनिट (DBU) काफी मददगार साबित होगी.तकनीक का प्रयोग कर बैंकिंग सुविधा का लाभ हर किसी के पास पहंचाने की है.
क्या है डीबीयू
डिजिटल बैंकिंग यूनिट (DBU) किसी बैंक की एक विशेष इकाइ है या हब है जहां डिजिटल बैंकिंग उत्पाद और सेवा आमलोगों के लिए वितरित किए जाते हैं. इस इकाइ में किसी भी समय पहुंचकर ग्राहक मौजूदा वित्तीय उत्पादों और सेवाओं का लाभ सेल्फ-सर्विस-मोड में ले सकते हैं. इसके लिए इन इकाइयों में डिजिटल रूप से सर्विस के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया गया है.
क्या मिलेगी सुविधाएं
डीबीयू ऐसे फिजिकल आउटलेट होंगे, जहां आपको कई डिजिटल बैंकिंग सुविधाएं मिलेंगी. इन डिजिटल बैंकिंग यूनिट में ग्राहक सेविंग्स अकाउंट खोलने, अपने खाते में बची राशि पता करने, पासबुक प्रिंट कराने, पैसे भेजने, सावधि जमा निवेश के अलावा क्रेडिट-डेबिट कार्ड और कर्ज के लिए आवेदन जैसे काम कर सकेंगे. इसके अलावा क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड के लिए अप्लाई करने, अकाउंट स्टेटमेंट देखने, टैक्स चुकाने, बिल भरने और नॉमिनेशन भरने जैसी सुविधाएं आप इन डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स पर कर सकेंगे. डिजिटल इंडिया के तहत बिहार और झारखंड के खाता धारकों को बड़ी राहत मिलेगी. इसके साथ ही, कई छोटो मोटे काम के लिए बैंकों का चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी. हालांकि बैंक के ग्राहकों का कहना है कि राज्य में और ज्यादा डीबीयू यूनिट की जरूरत है. इसके बारे में सरकार को सोचने की जरूरत है.