अनुमंडल प्रशासन के आदेश पर बीते 27 जुलाई से 31 जुलाई तक नगर में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया था. नगर वासियों को लगा कि इस बार अतिक्रमण हटाओ अभियान सफल होगा और कई जगहों पर लोगों ने स्वेच्छा से नाले नालियो पर रखे अपने मंडप भी हटा लिये. मगर फिर भी शहर अतिक्रमण की चपेट में है. ऐसा नहीं है कि इस रास्ते से अतिक्रमण हटवाने वाले अधिकारी नहीं आते जाते, लेकिन सब कुछ पहले की तरह होने लगा है. शिवगंज में नाले से अपने आप मंडप हटाने वालों ने प्रशासन के आदेश का सम्मान करने में कोई कोताही नहीं की, लेकिन ठीक इसके उल्टे निबंधन कार्यालय के पास मुख्य नाले पर ही दुकानों का बनाया जाना नगर परिषद प्रशासन के कार्रवाई पर सवाल खड़ा करता है. बताया जा रहा कि नाले नालियों पर दुकान लगाये जाने के एवज में अतिक्रमणकारियों से डील की गयी है और इसमें कुछ नगर परिषद के निवर्तमान नुमाइंदे रुपयों के बल पर अतिक्रमण को बढ़ावा देने में लगे हैं.
अनुमंडल प्रशासन के निर्देश के आलोक में बीते 27 जुलाई से 31 जुलाई तक नगर में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया. हालांकि एक दिन बारिश और फिर महाबीरी अखाड़ा को लेकर दो दिन ही अतिक्रमण हटाया गया. अतिक्रमण हटाओ अभियान की औपचारिकताभर पूरी की गयी और फिर नगर परिषद के वर्तमान कई नुमाइंदे और कर्मी मिलीभगत कर अतिक्रमणकारियों से उगाही करने लगे. नगर में अतिक्रमण अब नहीं हटेगा, इसकी भनक अतिक्रमणकारियों को पहले लग जाती है.
मामले में एसडीएम धनंजय कुमार ने कहा कि अतिक्रमण हटाओ अभियान फिर शुरू किया जाएगा. अगर नाले पर दुकान बनायी जा रही है तो मामला गंभीर है. मामले में जांच करायी जाएगी. शहर से हर हाल में अतिक्रमण को हर हाले में हटाया जाएगा. साथ ही ये भी ध्यान रखा जाएगा कि जहां से अतिक्रमण हटाया गया है वहां फिर से अतिक्रमण न हो. इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी.