Bihar News: बिहार में फिर एकबार नसबंदी ऑपरेशन विवाद में है. दरअसल, इस बार स्वास्थ्य महकमे की ओर से ऐसी लापरवाही सामने आई है जिसमें एक शादीशुदा युवक की नसबंदी धोखे में कर दी गयी. आरोप है कि युवक हाइड्रोसील का ऑपरेशन कराने गया था लेकिन डॉक्टर ने उसकी नसबंदी कर दी. युवक के साथ-साथ पूरे परिवार की चिंता यह है कि शादीशुदा युवक की अभी एक भी संतान नहीं है और ये गलती अब पूरे जिंदगी के लिए कष्टदायक होगी.
कैमूर में स्वास्थ्य विभाग अपने कारनामों को लेकर हमेशा चर्चा में बना रहता है. अब नया कारनामा चैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सामने आया है, जहां हाइड्रोसील का ऑपरेशन कराने गये व्यक्ति की चिकित्सक ने नसबंदी कर दी है. पीड़ित व्यक्ति चैनपुर थाना क्षेत्र के जगरिया गांव निवासी राम दहिन यादव का पुत्र मनका यादव है. मंगलवार की देर शाम नसबंदी की जानकारी होते ही परिजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर हंगामा कर दिया.
परिजनों ने कहा कि जब हाइड्रोसील का ऑपरेशन कराने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आये थे, तो चिकित्सक ने बगैर सोचे-समझे नसबंदी कर दी है. पीड़ित के पिता रामधनी यादव ने बताया कि चिकित्सक ने पुत्र के हाइड्रोसील का ऑपरेशन के बजाय नसबंदी कर दी है. उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और चिकित्सक पर गलत ढंग से पुत्र के नसबंदी करने का आरोप लगाया है.
Also Read: बिहार में 2401 फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी के आदेश, सभी जिलों में धरपकड़ होगी तेज, पुलिस मुख्यालय भी अब सक्रिय
पीड़ित के पिता ने बताया कि मनका यादव की शादी हो गयी है. लेकिन बच्चा नहीं है. अब नसबंदी के बाद बगैर औलाद के ही रह जायेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि अब चिकित्सक की लापरवाही का खामियाजा अब उनके बेटे को पूरी जिंदगी भुगतना पड़ेगा. पीड़िता की बहन पुष्पा देवी ने बताया कि अचानक डॉक्टर ने ऑपरेशन के बाद कहा कि मरीज की नसबंदी कर दी गयी. जिसे सुनकर सब हैरान रह गए.
ऑपरेशन करने वाले डॉ राजनारायण ने बताया कि आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है. मनका यादव जिसका ऑपरेशन हुआ है, वह दर असल सात फरवरी को ही सीएचसी पर हाइड्रोसिल व नसबंदी के लिए आशा के साथ आया था. उस दिन ऑपरेशन नहीं हो पाया. 14 फरवरी को आशा व उसके आग्रह पर जब मैं ऑपरेशन के लिए तैयार हुआ तो देखने के बाद पता चला कि उसे हाइड्रोसिल नहीं बल्कि हॉर्निया की समस्या है. मैंने कहा कि वह सदर अस्पताल चला जाये, वहीं पर हार्निया का ऑपरेशन हो सकेगा. लेकिन, परिजन व आशा उक्त व्यक्ति की सिर्फ नसबंदी के लिए आग्रह करने लगे. उसके बाद मैंने ऑपरेशन किया है.
डॉक्टर ने कहा कि मरीज ने ऑपरेशन से पहले नसबंदी के जरूरी कागजात पर दस्तखत किया है. उसके साथ आयी आशा ने भी नसबंदी के ऑपरेशन के लिए दस्तखत किया है. अब वे लोग ऐसा क्यों कह रहे हैं, हमें समझ में नहीं आ रहा है. वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार सिंह ने कहा कि ये मामला जानकारी में आया है. इसकी विभागीय जांच करायी जा रही है.
Posted By: Thakur Shaktilochan