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नेशनल साइबर क्राइम का खुलेगा कॉल सेंटर, ठगी की होगी शिकायत, जानिए कैसे तुरंत मिलेगा समाधान

बढ़ते साइबर क्राइम की घटनाओं पर लगाम लगाने और पीड़ितों की शिकायत को त्वरित दर्ज के लिए जल्द बिहार में नेशनल साइबर क्राइम का कॉल सेंटर खुलने वाला है. कॉल सेंटर संचालित करने के लिए इच्छुक पदाधिकारियों व कर्मियों से आवेदन मांगा गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 5, 2023 8:21 AM

शुभम कुमार, पटना

बढ़ते साइबर क्राइम की घटनाओं पर लगाम लगाने और पीड़ितों की शिकायत को त्वरित दर्ज के लिए जल्द बिहार में नेशनल साइबर क्राइम का कॉल सेंटर खुलने वाला है. कॉल सेंटर संचालित करने के लिए इच्छुक पदाधिकारियों व कर्मियों से आवेदन मांगा गया है. इस संबंध में आर्थिक अपराध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक ने सभी क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक और उपमहानिरीक्षक को पत्र जारी किया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि साइबर क्राइम की घटनाओं में निरंतर वृद्धि के मद्देनजर साइबर क्राइम की घटनाओं के त्वरित निष्पादन व कम समय में साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने के लिए नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर-1930 का कॉल सेंटर खुलेगा. वर्तमान में टॉल फ्री नंबर 1930 का संचालन टेलीफोन लाइन के माध्यम से किया जा रहा है.

महिला सिपाहियों को मिलेगी प्राथमिकता

जानकारी के अनुसार कॉल सेंटर के लिए महिला सिपाहियों को प्राथमिकता दी जायेगी. कॉल सेंटर के लिए योग्यता की बात करें, तो जिनकी सेवा अवधि 12 वर्ष से कम हो, कंप्यूटर का सामान्य ज्ञान रखते हों, जिनकी भाषा शैली सौम्य व उत्कृष्ट हो, अंग्रेजी का थोड़ा बहुत ज्ञान एवं सामान्य पत्राचार का ज्ञान हो और पिपुल फ्रेंडली हों.

चयन प्रक्रिया के लिए कमेटी गठित

मिली जानकारी के अनुसार पदाधिकारियों की प्राप्त सूची में से पदाधिकारियों और कर्मियों के चयन के लिए अपर पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गयी है, जिसमें पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) और पुलिस महानिरीक्षक सेंट्रल भी शामिल हैं. वहीं वैसे पदाधिकारी व कर्मी का आवेदन प्राप्त कर साइबर क्राइम सेल पटना के इमेल आइडी के माध्यम से संबंधित पुलिस अधीक्षक की अनुशंसा के साथ इओयू को भेजेंगे. इसके बाद कमेटी द्वारा अंतिम रूप से चयनित पदाधिकारियों व कर्मियों को कॉल सेंटर में प्रतिनियुक्ति की जायेगी.

डायल 112 के तर्ज पर काम करेगा डायल 1930

साइबर क्राइम कॉल सेंटर डायल 112 के तर्ज पर काम करेगा. वर्तमान में कॉल करने पर एक बार में एक कॉल को रिसिव किया जाता है, लेकिन अब एक बार में कई लोगों की समस्या सुनी जा सकेगी. इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है और जल्द ही कॉल सेंटर के लिए एक बेहतरीन टीम तैयार कर प्रतिनियुक्त कर दिया जायेगा. मिली जानकारी के अनुसार आठ-आठ घंटे की शिफ्ट रहेगी, जिसमें एक शिफ्ट में 30 कर्मी काम करेंगे. इसका मतलब यह कि पूरे 24 घंटों सातों दिन टीम साइबर फ्रॉड की शिकायत सुनेंगे और तत्काल उसका निष्पादन करेंगे. मिली जानकारी के अनुसार कॉल सेंटर का पूरा सेटअप इओयू की नयी बिल्डिंग में तैयार हो रहा है.

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