पटना. National Film Awards: 69वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड की घोषणा हो गई है. बिहार के रहनेवाले पंकज त्रिपाठी ने ‘मिमी’ के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का खिताब जीता है, वहीं नीरज मिश्रा निर्देशित समानांतर को मैथिली भाषा में बेस्ट फिल्म का अवार्ड मिला है. मिमी में अपनी दमदार भूमिका के लिए पंकज त्रिपाठी को मिला सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार यह पुरस्कार उनका दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार है.
सिल्वर स्क्रीन पर जीवंत करते हैं किरदार
त्रिपाठी के चित्रण ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिससे फिल्म की कहानी में गहराई और प्रामाणिकता आ गई. पंकज की जीत को सिनेमाई क्षेत्र में उनके समर्पण और प्रतिभा के प्रमाण के रूप में मनाया गया. राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देना जारी रखते हैं, उन कलाकारों को सम्मानित करते हैं जो अपनी कला में उत्कृष्ट हैं और कहानियों को सिल्वर स्क्रीन पर जीवंत करते हैं.
अगर बाबूजी आसपास होते तो वे मेरे लिए बहुत खुश होते
लक्ष्मण उटेकर की फिल्म मिमी के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार जीतने वाले पंकज ने अपने पिता की हालिया मृत्यु पर विचार करते हुए एक साक्षात्कार में कहा कि यह दुर्भाग्य से मेरे लिए नुकसान और शोक का समय है. अगर बाबूजी आसपास होते तो वे मेरे लिए बहुत खुश होते. जब मुझे पहली बार राष्ट्रीय पुरस्कार का उल्लेख मिला, तो उन्हें बहुत गर्व और प्रसन्नता हुई. यह राष्ट्रीय पुरस्कार मैं उन्हें और उनके जज्बे को समर्पित करता हूं. मैं आज जो कुछ भी हूं उसकी वजह से हूं. इस समय मेरे पास शब्द नहीं हैं, लेकिन मैं खुश हूं और टीम का आभारी हूं. कृति ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार भी जीता है, इसलिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई. पंकज ने इससे पहले 2018 में अमित आर मसुकर की न्यूटन के लिए स्पेशल मेंशन पुरस्कार जीता था.
समाज की कुरितियों पर प्रहार करता है समानांतर
लॉकडाउन के दौरान बनी समानांतर को मैथिली भाषा की सर्वश्रेष्ट फिल्म घोषित किया गया है. यह दूसरा मौका है जब किसी मैथिली फिल्म को यह पुरस्कार मिला है. इससे पहले नितिन चंद्रा निर्देशित फिल्म मिथिला मखान को यह पुरस्कार मिला था. समानांतर को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर फिल्म के निर्माता और निर्देशक ने खुशी जाहिर की है. फिल्म के निर्माता, निर्देशक नीरज कुमार मिश्रा पिछले दो दशकों से मुंबई की फिल्मी दुनिया में कार्यरत हैं. कई टीवी सीरियल और वेब सीरीज में काम कर चुके नीरज की यह पहली मैथिली फिल्म है.
चार कठिन कहानियों का एक दार्शनिक संकलन है समानांतर
दूसरों के लिए अच्छा करोगे तो तुम्हारा भी अच्छा होगा यही संदेश देने की इस फिल्म में कोशिश की गयी है. फिल्म के बारे में बताते हुए कलाकार कुंदन कुमार वर्मा ने कहा कि जब मनुष्य अपने बुरे कार्यों के माध्यम से सभी सीमाओं का उल्लंघन करता है, तो समानांतर क्षेत्र की अज्ञात शक्ति कैसे प्रकट होने लगती है. जीवन और ‘कर्म’ के सामान्य दर्शन के साथ उलझी हुई चार कठिन कहानियों का एक दार्शनिक-सह-डरावना ‘संकलन’ है यह फिल्म.
कोरोना काल में लिखी गयी कहानी
नीरज मिश्रा कहते हैं कि समाज में बहुत कुरीतियां आ गयी हैं और जब ये कुरीतियां सीमा को पार करती है तो फिर प्रकृति अपना रंग दिखाती है. कोरोना काल में जब पूरा विश्व एक नये संकट का सामना कर रहा था उस वक्त मुझे इस फिल्म की कहानी दिमाग में आयी और फिर इसे परदे तक लाने के लिए मेरी टीम ने बहुत मेहनत की. इस फिल्म में अनुराग ठाकुर, प्रियांशु राजगुरु, कुंदन कुमार वर्मा और शाश्वत आनंद ने अभिनय किया है. इस फिल्म का पहली स्क्रीनिंग बिहार दिवस के मौके पर पटना के मोना सिनेमा में हुआ था.