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National Youth Day: बिहार के डॉ. ठाकुर शिवलोचन के शोध विदेशों में हुए प्रकाशित,BHU में संस्कृत के हैं प्रोफेसर

National Youth Day 2023: बिहार के भागलपुर निवासी ठाकुर शिवलोचन शांडिल्य बीएचयू में सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. भागलपुर में टॉप करने के बाद उन्हें गोल्ड मेडल मिला और फिर जेएनयू के भी टॉपर रहे. शिवलोचन के शोध विदेशों से भी प्रकाशित हुए हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2023 8:28 AM

National Youth Day 2023: बिहार अपनी प्रतिभा का परिचय पूरे विश्व को कराता रहा है. भागलपुर जिला निवासी डॉ ठाकुर शिवलोचन शांडिल्य ने संस्कृत के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा से पूरे विश्व का ध्यान आकृष्ट किया है. पुलिस जिला नवगछिया अंतर्गत रंगरा प्रखंड निवासी डॉ ठाकुर शिवलोचन शाण्डिल्य हेडमास्टर रहे पंडित अनिरूद्ध ठाकुर के पौत्र हैं और बनारस हिंदू विश्विद्यालय में अभी सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. उनके करियर का सफर हर युवा के लिए एक उदाहरण बन सकता है.

भागलपुर में टॉप किया तो मिला गोल्ड मैडल

सबौर अस्पताल में फार्मासिस्ट रहे राजीव लोचन ठाकुर के पुत्र शिवलोचन नवयुग विद्यालय भागलपुर के छात्र रहे. इन्होंने संस्कृत को अपने कैरियर के रूप में चुना और तिलकामांझी भागलपुर विश्विद्यालय से ग्रेजुएशन में पूरे आर्ट्स और सोशल साइंस फैकल्टी के सभी विषयों में टॉप किया. जिसके लिए उन्हें कृष्ण मोहन सहाय स्मृति स्वर्णपदक मिला. भागलपुर से गोल्ड मैडल लिए शिवलोचन का चयन देश के प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी जवाहर लाल नेहरू विश्विद्यालय (JNU) दिल्ली के लिए हो गया.

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जेएनयू में दाखिला, एमए और एमफील में टॉप किये

शिवलोचन ने दिल्ली जाकर भी अपनी सफलता के पन्ने को बढ़ाते ही गये और जेएनयू से एम में टॉप करके फिर एकबार अपनी प्रतिभा के कारण चर्चे में रहे. टॉप करने के बाद उन्हें जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फाउण्डेशन राष्ट्रीय पुरस्कार और डी एस गार्डी स्कॉलरशिप मिला. शिवलोचन के टॉप करने का सफर जारी रहा और इस बार वो एमफिल में भी टॉप किये.

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वहीं जेआरएफ, एसआरएफ, पीएचडी के बाद उनका चयन बेहद कम उम्र में बनारस समेत देश के बेहद प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी बनारस हिंदू विश्विद्यालय में हो गया. जहां वो संस्कृत विभाग के सीनियर असिसटेंट प्रोफेसर बने.बीएचयू में ही डॉ शिवलोचन वर्तमान में वरिष्ठ सहायक आचार्य पद पर कार्यरत हैं और संस्कृत के विद्यार्थियों को शिक्षित करते हैं.

विदेशों में प्रकाशित हुए शोध 

डॉ शिवलोचन ने संस्कृत में कई महत्वपूर्ण शोध किये हैं. ईरान, इंग्लैण्ड और बांग्लादेश से उनके शोध प्रकाशित हुए हैं. कई विश्विद्यालयों से उन्हें आमंत्रण मिलता रहा है जहां वो अपनी मेधा का लोहा मनवाया . हाल में डॉ शिवलोचन बांग्लादेश के विश्विद्यालयों में गये और संस्कृत में भारत की ताकत का परिचय विश्व को कराया.

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