भागलपुर के रेशम भवन परिसर में लगाये जाएंगे नवग्रह पौधे, जानें धार्मिक महत्व और लाभ
Bhagalpur: रेशम भवन परिसर में नवग्रह उद्यान लगाया जायेगा. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया नवग्रह उद्यान लगाने को लेकर संवेदक के साथ स्पॉट वेरिफिकेशन कराया. जानें क्या है इन नवग्रह पौधे का महत्व.
Bhagalpur news: जीरोमाइल के समीप स्थित रेशम भवन परिसर में नवग्रह उद्यान लगाया जायेगा. इसे लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया नवग्रह उद्यान लगाने को लेकर संवेदक के साथ स्पॉट वेरिफिकेशन कराया गया. जिला उद्योग केंद्र के जीएम संजय वर्मा ने बताया कि बैंक के अधिकारी ने संवेदक से मापी भी करायी.
उन्होंने बताया कि 13 दिसंबर को पीएम रोजगार सृजन कार्यक्रम को लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पदाधिकारी बैठक करेंगे. इस दौरान नवग्रह उद्यान में पौधरोपण किया जायेगा. उन्होंने बताया कि इस उद्यान में धार्मिक मान्यता वाले पौधे को लगाये जायेंगे.
इन पौधे का होगा रोपण
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ग्रह —— पौधे—— प्रभाव
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सूर्य- आक, बौद्धिक प्रगति, मानसिक विकास
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चंद्र – पलाश, मानसिक रोगों से मुक्ति
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मंगल- खैर, रक्त विकार और चर्म रोग से मुक्ति, प्रतिष्ठा में वृद्धि
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बुध- धी झाड़ा, मानसिक संतुलन
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गुरु- पारस व पीपल- ज्ञान वृद्धि
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शुक्र- गूलर, पूर्व जन्म के पाप का नाश
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शनि- शमी, धन, बुद्धि, मनोवांछित फल
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राहु, चंदन, पीड़ा से मुक्ति, सर्प दंश का भय समाप्त
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केतु, अश्वगंधा, मानसिक विकार दूर करने के लिए
क्या है इन पौधों का महत्व
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शमी : शमी वृक्ष पर जल चढ़ाने से शनि ग्रह की शांति होती है. इसकी पत्तियों भगवान शिव पर भी चढ़ाया जाता है.
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खैर : इस पौधे को आराध्य माना जाता है. इसकी छाल को घिसकर बनाए गए लेप को पूजन में प्रयोग किया जाता है.
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ढाक : हवन और अन्य मांगलिक कार्यक्रमों में इसके पत्तों और लकड़ी का उपयोग होता है.
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पीपल : पीपल की पूजा की जाती है.
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लटजीरा : हवन में इसकी लकड़ी का प्रयोग किया जाता है. बुध ग्रह की शांति के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है.
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आक : आक को मदार भी कहा जाता है. पूजन कार्यक्रम में इसका उपयोग किया जाता है.
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गूलर : इसकी लकड़ी का उपयोग शुक्र ग्रह की पूजा में किया जाता है.
दिन और नक्षत्र के अनुसार लगाएं पौधे
1. गुरुवार को पुष्य नक्षत्र मिलने पर ईशान में अपामार्ग (चिचिड़ा) का पौधा लगाना शुभ है.
2. शुक्रवार को आर्द्रा नक्षत्र में पूरब दिशा में गूलर उत्तम है.
3. सोमवार को अश्विनी नक्षत्र में आग्नेय दिशा में पलाश का रोपण शुभ है.
4. मंगलवार को अश्विनी नक्षत्र में दक्षिण दिशा में खदिर (ख़ैर) या शिशिर का वृक्ष का लगाना वास्तु की शुद्धता है.
5. दक्षिण-पश्चिम के कोने में शुक्रवार को श्रवण नक्षत्र को नागकेशर, कुश या शतावर लगाने से बाह्य बाधा से मुक्ति मिलती है.
6. गुरुवार को अनुराधा नक्षत्र में उत्तर दिशा की ओर अश्वत्थ (पीपल) का पौधा आरोपित करने से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.
7. पश्चिम दिशा में शनिवार को शमी का वृक्ष लगाने से सर्वविध समृद्धि की प्राप्ति होती है. ध्यान रहे की शनिवार को शतभिषा या स्वाति नक्षत्र हो तो अति फलदायक होता है.
8. घर के मध्य (ब्रह्म-स्थान) में ढाई हाथ उत्तर-पूरब से हटकर सोमवार को बिल्व वृक्ष लगाने से घर सर्वबाधा मुक्त हो जाता है. उत्तर एवं पूर्व के मध्य नीम का वृक्ष आरोग्य-सुख प्रदान करता है. नीम का वृक्ष बुधवार को हस्त नक्षत्र में लगाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है.
पौधे लगाने से पहले गड्ढे में डाले ये चीज
सभी पौधे लगाने से पहले गड्ढे में गाय का दूध एवं शहद अवश्य डालना चाहिए. इनके अतिरिक्त हल्दी, नारियल, लाजवंती, दौना एवं तुलसी के पौधे भी शुभ होते हुए वास्तुदेव को अतिप्रिय हैं. उक्त समस्त पौधे भारतीय प्राकृतिक परम्परा के ‘मनिप्लांट’ हैं.