चार फुट से बड़ी मूर्ति नहीं, विसर्जन में सिर्फ 10 लोग ही रहेंगे शामिल, जिले में कहीं भी नहीं होगा रावण दहन
navratri 2021: कोविड-19 संक्रमण के बचाव व सुरक्षा को देखते हुए आगामी दुर्गापूजा, काली पूजा व चेहल्लुम त्योहार को लेकर डीएम अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में जिला शांति समिति की बैठक हुई. इसमें राज्य सरकार द्वारा पर्व-त्योहार के अवसर पर दिये गये निर्देशों के बारे में बताया गया.
गया. कोविड-19 संक्रमण के बचाव व सुरक्षा को देखते हुए आगामी दुर्गापूजा, काली पूजा व चेहल्लुम त्योहार को लेकर डीएम अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में जिला शांति समिति की बैठक हुई. इसमें राज्य सरकार द्वारा पर्व-त्योहार के अवसर पर दिये गये निर्देशों के बारे में बताया गया. इस बैठक में डीएम ने कहा कि आने वाले समय में जिले में चेहल्लुम, दुर्गापूजा, काली पूजा इत्यादि त्योहार हैं. इनके आयोजन के लिए सरकार द्वारा सीएमजी की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं.
सरकार द्वारा लिए गये निर्णय के आलोक में हम सबों को पर्व-त्योहार मनाना है. उन्होंने कहा कि भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में तथा संकीर्ण रास्ते पर मूर्ति की स्थापना करना कोविड संक्रमण को आमंत्रण देना है. साथ ही इन पर्व-त्योहारों में अधिकतर लोग बाहर से आते हैं, जो कोरोना संक्रमण को फैलाने में मददगार साबित हो सकते हैं. डीएम ने कहा कि मंदिर खुले हुए हैं. दुर्गापूजा में मूर्ति की स्थापना के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि चार फुट से अधिक बड़ी मूर्ति नहीं होगी.
लाइसेंस में 20 व्यक्ति का नाम देना अनिवार्य होगा जो व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होंगे. डीएम ने निर्देश दिया कि मूर्ति के विसर्जन में 10 व्यक्ति से अधिक शामिल नहीं होंगे. पूजा पंडाल, विसर्जन तथा जुलूस में डीजे का प्रयोग नहीं होगा. पूजा पंडाल में प्रवेश एवं निकास के रास्ते अलग-अलग होंगे. जिले में कहीं भी रावण दहन की अनुमति नहीं दी जायेगी. साथ ही किसी भी जगह पर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं मेला का आयोजन भी नहीं होगा.
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थानों में जमा करें डीजे
शांति समिति की बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षकआदित्य कुमार ने कहा कि लोगों के धर्म एवं आस्था के साथ-साथ कोविड प्रोटोकॉल के गाइडलाइन का अनुपालन आवश्यक है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार अब कहीं भी डीजे का इस्तेमाल नहीं होगा. उन्होंने डीजे मालिकों व व्यवस्थापकों को निर्देश दिया कि वे संबंधित थाने में डीजे को जमा करना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि पितृपक्ष मेले में सिविल सोसाइटी के द्वारा काफी सहयोग किया जा रहा है.
इस बार राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन द्वारा मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा है परंतु सामाजिक संगठनों के द्वारा पिंडदानियों एवं श्रद्धालुओं को सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है. जिला प्रशासन द्वारा केवल विधि-व्यवस्था एवं सुरक्षा व्यवस्था संबंधी कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लाइसेंस में जो रूट दिया गया है, उसी रूट के अनुरूप विसर्जन करना होगा.
Posted by: Radheshyam Kushwaha