पटना के बोरिंग रोड चौराहे पर बनेगा कोलकाता का Victoria Memorial, जानें क्या है मामला
Navratri 2022: इस बार नवरात्रि सितंबर माह में शुरू होने जा रहा है. कोरोना संकट से उबरने के बाद इस बार पटना में भव्य तरीके से दुर्गापूजा मनाने की तैयारियां चल रही है. बोरिंग रोड चौराहे पर इस बार भवानी अंबे विक्टोरिया मेमोरियल में बिराजेंगी.
Navratri 2022: नवरात्रि को बस कुछ दिन ही बाकी है. इस बार शारदीय नवरात्रि सितंबर माह में शुरू होने जा रहा है. नौ दिन का यह मां दुर्गा (godess durga) का व्रत 26 सितंबर से दिन सोमवार से शुरू होगा, जो 5 अक्टूबर को समाप्त होगा. 10 वें दिन दशहरा (dusherra) मनाया जाएगा. कोरोना काल के दो साल बाद इस बार पूरे बिहार में बिना किसी प्रतिबंध के दुर्गा पूजा धूम-धाम से मनाया जाएगा. वहीं, राजधानी पटना की बात करें तो इस बार बोरिंग रोड चौराहा व डाकबंगला चौराहे पर भव्य पूजा पंडाल बनाया जाएगा. जिसकी तैयारियां अभी से ही शुरू कर दी गई है.
बोरिंग रोड चौराहे पर दिखेगा विक्टोरिया मेमोरियल
पटना से मशहूर पॉश इलाके में से एक बोरिंग रोड चौराहे की बात करें तो इस बार बोरिंग रोड चौराहे पर कोलकाता का मशहूर विक्टोरिया मेमोरियल महल दिखने को मिलेगा. पूजा पंडाल को बनाने के लिए पश्चिम बंगाल से कलाकार को बुलया जाएगा. पूजा समिति की मानें तो इस बार चौराहे पर पूजा पंडाल को लगभग तीन हजार वर्गफीट में बनाया जाएगा. जिसकी ऊंचाई लगभग 60 फीट और चौराई 50 फीट तक होगी. बता दें कि बोरिंग रोड चौराहे पर दुर्गा पूजा पंडाल अपने भव्यता को लेकर जाना जाता है. पूजा पंडाल को देखने के लिए लगभग 10-15 लाख लोग आते हैं.
डाकबंगला चौराहे पर 3500 वर्गफीट में बनेगा पंडाल
बता दें कि कि कोरोना संकट से उबरने के बाद इस बार पटना में भव्य तरीके से दुर्गापूजा मनाने की तैयारियां चल रही है. शहर में दुर्गापूजा समितियों की तरफ से पंडाल-मूर्ति निर्माण, साज-सज्जा का काम शुरू हो गया है. दो साल के बाद डाकबंगला चौराहे पर इस वर्ष लगभग साढ़े तीन हजार वर्ग फीट में दुर्गापूजा पंडाल का निर्माण कराया जाएगा. पूजा पंडाल की ऊंचाई 80 से 85 फीट तक और चौड़ाई 40 से 45 फीट के बीच रहेगी. पंडाल निर्माण के लिए यहां भी पश्चिम बंगाल से कलाकार को बुलाया गया है.
डाकबंगला चौराहे पर 58 साल से होती आ रही है पूजा
डाकबंगला चौराहे पर बीते 58 वर्षों से मां दुर्गा की पूजा हो रही है. यहां वर्ष 1964 में दुर्गा पूजा की शुरुआत हुई थी. साल-दर साल यहां पूजा का आकार बढ़ता गया. महज सौ-डेढ़ सौ रुपये से शुरू हुआ पूजा का बजट अब बढ़कर 50 लाख रुपये सालाना को पार कर गया है. दुर्गापूजा के दौरान राजधानी में सबसे अधिक भीड़ डाकबंगला चौराहे पर जुटती है. सप्तमी से लेकर नवमी देर रात तक श्रद्धालुओं के दर्शन का तांता लगा रहता है. जानकारी के मुताबिक नवरात्रि के आखिरी तीन दिनों में 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए डाकबंगला पहुंचते हैं.
इस बार हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा
धर्म के जानकारों की मानें तो इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी. उनकी ये सवारी शांति और समृद्धि का संकेत है. उनकी पूजा अर्चना करने से जीवन खुशियों से भर जाएगा और सारी मनोकामननाएं भी पूर्ण हो जाएंगी. ऐसे में 9 दिन मां दुर्गा की पूजा अर्चना करना बहुत फलदायी होगा. बताते चलें कि इस बार नवरात्रि 26 सितंबर को सुबह 3 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 27 सितंबर को सुबह 3 बजकर 8 मिनट पर हो जाएगा. वहीं, घटास्थापना का मुहूर्त 26 सितंबर को सुबह 6 बजकर 20 मिनट से सुबह 10 बजकर 19 मिनट तक रहेगा