गोपालगंज. कोरोना वायरस के कहर को हम सबने देखा. अपनों को खोने का दर्द हम सभी को आज भी है. कई परिवार ऐसे हैं, जो इस दर्द से अब भी उबर नहीं पाये हैं. लॉकडाउन के दौरान हुए संघर्ष को इस बार दुर्गापूजा में दिखाया जायेगा. गोपालगंज के राजा दल में कोलकाता के कलाकारों द्वारा बनायी जा रहीं मूर्तियां कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष की कहानी बयां करेंगी. आकर्षक तरीके से मूर्तियों को सजाया संवारा जा रहा है. ठसे देखने के बाद आंखें कुछ पल के लिए ठहर जाएंगी. मूर्तियों को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है.
स्टेशन रोड स्थित राजा दल दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष व गोपालगंज के समाजसेवी मोहन प्रसाद गुप्ता ने बताया कि कोविड के दौरान हमने अपनों को खोया. कई परिवार ऐसे थे, जिनके पास खाने तक के लिए कुछ नहीं था. कोरोनारूपी राक्षस ने कइयों की जिंदगी ले ली. जिन्होंने संघर्ष किया, वे आज अपनी मुकाम पर हैं. कोरोना के दौरान हुए संघर्ष की कहानी को बयां करने के लिए मां दुर्गा की प्रतिमा के अलावा उन मूर्तियों को भी बनाया जा रहा है, ताकि लोग एक-दूसरे की मदद में काम आ सके.
राजा दल में दुर्गापूजा पंडाल को भव्य बनाया जा रहा है. कोलकाता के बिड़ला मंदिर के स्वरूप में पूजा पंडाल बनाया जा रहा है. पूजा पंडाल में लागत 55 लाख आ रही है. कोलकाता के 25 कारीगर दिन-रात पूजा पंडाल के निर्माण में लगे हुए हैं. वहीं इस बार भीड़ को देखते हुए पूजा पंडाल से आंबेडकर चौक तक की सड़क पर 30 फुट चौड़ी लाइटिंग की सजावट की जा रही है.
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नवरात्रि को लेकर मांझा समेत पूरे प्रखंड में जोर शोर से तैयारियां चल रही हैं. जगह-जगह दुर्गा पंडालों की साज-सज्जा का कार्य चल रहा है. नवरात्रि के लिए श्रद्धालु रातदिन तैयारी में जुटे हैं. आदि शक्ति माता रानी दुर्गा की प्रतिमाओं को स्थापित करने के लिए पूजा मंडल तैयार करने का कार्य जोरों से चल रहा है. माझा में दो दर्जन से अधिक जगहों पर दुर्गा माता की प्रतिमा स्थापित की जाती है. इसके लिए जहां आकर्षण मंडप बनाये जाते हैं. वहीं आकर्षक झांकियां भी निकाली जाती हैं. कई पूजा समितियों द्वारा विजयादशमी को भंडारे का भी आयोजन किया जाता है.