नवरात्रि का पांचवां दिन है मां स्कंदमाता को समर्पित, आज मां की प्रतिमा को वेदी पर स्थापित किया जाएगा
Durga puja 2022: भागलपुर में समेत पूरे बिहार में आज शुक्रवार को पंचमी पूजा होगी. बांग्ला विधि-विधान वाले पूजा स्थानों पर आज माता की प्रतिमा को वेदी पर स्थापित कर दिया जाएगा.
भागलपुर: जिले के विभिन्न स्थानों पर गुरुवार को वैदिक विधि-विधान से चौथी पूजा हुई. शुक्रवार को पंचमी पूजा होगी. चौथी पूजा पर कुष्माण्डा स्वरूप की पूजा हुई, वहीं बांग्ला विधि-विधान वाले पूजा स्थानों दुर्गाबाड़ी, कालीबाड़ी, रिफ्यूजी कॉलोनी आदि में पंचमी पूजा पर मां दुर्गा की प्रतिमा को वेदी पर स्थापित कर दी जायेगी. पांचवी पूजा पर स्कन्द माता स्वरूप की पूजा होगी.
दिखने लगी विविध संस्कृति की झलक
दुर्गापूजा के दौरान विविध संस्कृति की झलक दिखने लगी. मशाकचक स्थित दुर्गाबाड़ी और मानिक सरकार घाट रोड स्थित कालीबाड़ी में खासतौर पर देखने को मिल रही है़ यहां का सभी कार्यक्रम बंगला विधि-विधान से होता है. दोनों स्थानों पर सांस्कृतिक आयोजन व पूजन की विधि-विधान में समानता जरूर दिखती है. बिहार बंगाली समिति, बरारी शाखा के अध्यक्ष तरुण घोष एवं संयोजक अशोक सरकार ने बताया कि रिफ्यूजी कॉलोनी में दो स्थानों पर बांग्ला विधि-विधान से पूजा-अर्चना हो रही है. यहां पर सप्तमी को सुबह महिला-पुरुष श्रद्धालु गंगा से कलश में जल भर कर लायेंगे और मां को समर्पित करेंगे. इसके बाद ही प्राण-प्रतिष्ठा होगी.
कालीबाड़ी में बांग्ला विधि-विधान से पूजा-अर्चना होगी. कालीबाड़ी पूजा समिति के महासचिव विलास बागची ने बताया कि शुक्रवार को माता को वेदी पर स्थापित की जायेगी. दुर्गाबाड़ी के सचिव सुब्रतो मोइत्रा ने बताया कि दुर्गा बाड़ी में पंचमी को मां का बोधन होगा. साथ ही मां को वेदी पर स्थापित की जायेगी.
गुरुवार को कुष्मांडा स्वरूप की पूजा हुई
मारवाड़ी पाठशाला, आदमपुर, मुंदीचक गढ़ैया में गुरुवार को कुष्मांडा स्वरूप की पूजा हुई. मारवाड़ी पाठशाला में जुबक संघ के सचिव बबन साहा ने बताया कि बोधन घट के बाद वेदी पर प्रतिमा स्थापित होगी़ आदमपुर दुर्गापूजा समिति की ओर से सचिव राकेश दुबे उर्फ गुड्डू दुबे के संचालन में शुक्रवार को पंचमी पूजा होगी़ मुंदीचक गढ़ैया के सचिव कुमार धर्मेंद्र ने बताया कि यहां गुरुवार को चौथी पूजा हुई. शुक्रवार को वैदिक विधि-विधान से पंचमी पूजा होगी. सत्कार क्लब की ओर से कचहरी चौक पर वैदिक विधि-विधान से चौथी पूजा हुई.