Loading election data...

Navratri: पुराणों में मिलती है नगर रक्षिका पटनेश्वरी की कथा, धरती के गर्भ से हुआ था जन्म, आज भी है निशान

Navratri को लेकर पूरे शहर का माहौल भक्तिमय हो गया है. पटना आदि काल से देवी की आराधना के प्रमुख केंद्रों में शामिल रहा है. यहां स्थित मां पटनेश्वरी 51 शक्तिपीठों में से एक है. बताया जाता है कि इस मंदिर में स्थापित मूर्ति मंदिर के पीछे एक बड़ा गड्ढा से मिला था. इसे आज पटन देवी खंदा कहते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2022 4:30 PM

Navratri को लेकर पूरे शहर का माहौल भक्तिमय हो गया है. पटना आदि काल से देवी की आराधना के प्रमुख केंद्रों में शामिल रहा है. यहां स्थित मां पटनेश्वरी 51 शक्तिपीठों में से एक है. यहां तांत्रिक और वैदिक दोनों विधि से मां की पूजा होती है. भागवत पुराण के अनुसार प्रजापति दक्ष ने अपने गर में यज्ञ का आयोजन किया. मगर अपनी पुत्री सती को नहीं बुलाया. जब सती पिता के घर पहुंची को उन्होंने उनके पति महादेव का अपमान किया. अपमान सहन नहीं कर पाने के कारण सती यज्ञ के अग्निकुंड में कूद गयी. सती के मृत शरीर को लेकर महादेव ने तांडव शुरू कर दिया. फिर विष्णु ने उनके शरीर पर चक्र चला दिया. उनके शरीर का भाग जहां-जहां गिरा वहां शक्तिपीठ बना.

पटना में दो है पटन देवी की मंदिर

पटना सिटी में पटन देवी का दो मंदिर है. एक बड़ी पटन देवी दूसरी छोटी पटन देवी. पटनेश्वरी को नगर रक्षिका कहा जाता है. इन्हें छोटी पटन देवी के नाम से भी जाना जाता है. यहां मां काली, लक्ष्मी और सरस्वती की प्रतिमा विराजमान है. मंदिर के पीछे एक बहुत बड़ा गड्ढा है. इसे पटन देवी खंदा कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसी स्थान से मंदिर में स्थापित प्रतिमा को निकाला गया था. इसके अलावे मंदिर में एक योनि कुंड है. ऐसा कहा जाता है कि इसमें जो कुछ भी डाला जाता है वो भूगर्भ में चला जाता है. इससे आज तक हवन की विभूति नहीं निकाली गयी है.

वैदिक और तांत्रिक दोनों विधि से होती है पूजा

पटन देवी मंदिर रोज वैदिक पूजा ही मुख्यरूप से की जाती है. जबकि तांत्रिक पूजा रोज करीब आधा घंटे की होती है. इस वक्त मंदिर के गर्भगृह के कपाट को बंद कर दिया जाता है. इस मंदिर में काली देवी की विशेष कृपा है. यहां कालिका मंत्र काफी सुलभता से सिद्ध होता है. आदिकाल से ऐसी मान्यता रही है कि यहां से माता खुद नगर भ्रमण के लिए निकलती है.

Next Article

Exit mobile version