Navruna Hatyakand,Navruna case, Bihar News: चर्चित नवरुणा कांड की गुत्थी नहीं सुलझा पायी. पांच साल व 10 महीने की जांच में सीबीआइ नवरुणा के हत्यारे को नहीं खोज पायी है. सोमवार को सीबीआइ ने कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी है. इस रिपोर्ट में सीबीआइ ने घटना की जांच में सबूत व तथ्य नहीं मिलने की बात कही है. कई तरह की वैज्ञानिक जांच के बाद भी घटना के कारणों व हत्यारों को लेकर सीबीआइ साक्ष्य नहीं जुटा सकी है.
40 पेजों की फाइनल रिपोर्ट में जांच के 86 बिंदुओं को शामिल किया गया है.जांच रिपोर्ट में सीबीआइ ने बताया कि 26 नवंबर 2012 को नाले से बरामद शव का खुलासा नहीं हो पाया. इस मामले में नगर थाने के तत्कालीन थानेदार जितेंद्र प्रसाद समेत वार्ड पार्षद राकेश कुमार सिन्हा पप्पू समेत दर्जनभर संदिग्धों का लाइ डिटेक्टर व ब्रेन मैपिंग करायी गयी. लेकिन ठोस साक्ष्य नहीं मिल पाया.
फाइनल रिपोर्ट दाखिल होने के बाद विशेष कोर्ट में चार दिसंबर को सुनवाई होगी. डीएसपी अजय कुमार ने 40 पेज की दाखिल रिपोर्ट में कई बिंदुओं पर जानकारी दी है. गौरतलब है कि 18 सितंबर 2012 की रात जवाहर लाल रोड स्थित चक्रवर्ती लेन से खिड़की तोड़ कर नवरुणा का अपहरण कर लिया गया था. 26 नवंबर को चक्रवर्ती लेन स्थित नाले से ही एक कंकाल बरामद हुआ था. जिसकी डीएनए जांच में नवरुणा का शव होने की पुष्टि हुई थी.
इस केस की पहले नगर पुलिस ने जांच की. फिर सीआइडी को जांच का जिम्मा दिया गया. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से14 फरवरी 2014 को सीबीआइ ने कांड में एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कई बार जांच के लिए मोहलत दी, लेकिन सीबीआइ ने इस केस को नहीं सुलझा सकी.
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18 सितंबर, 2012 की रात नवरुणा का हुआ था अपहरण
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26 नवंबर, 2012 को घर के सामने नाले से कंकाल मिला
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12 जनवरी, 2013 को सीआइडी को केस सौंपा गया
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14 फरवरी, 2014 को सीबीअाइ ने केस अपने अधीन लिया
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18 फरवरी, 2014 को पहली बार मुजफ्फरपुर आयी सीबीआइ की टीम
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14-12-2019 को अंतिम बार CBI की टीम नवरुणा के पिता से मिली थी
Posted by: Utpal kant