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रेल खंड व फोरलेन बनने से नए साल में बदलेगी नवादा की तस्वीर, आवागमन होगा आसान

परिवहन सुविधाओं के विस्तार से महानगरों से दूरियां कम होगी. शहर का विकास भी तेजी से होगा. वर्षो से उपेक्षित किऊल गया रेलखंड में विद्युतिकरण का काम पूरा होने के बाद अब दोहरीकरण का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2022 4:12 AM

नये साल 2023 में नवादा जिले के वासियों को कई नयी सौगात मिलने वाली है. शहर के सद्भावना चौक के समीप से गुजरी पटना-रांची एनएच-31 फोरलेन का निर्माण लगभग पूरा कर लिया गया है. नये साल में इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिये जाने की उम्मीद है. वहीं, गया क्यूल रेल खंड की दोहरी करण का कार्य भी तेजी से चल रहा है. नये साल में फेर लेन व रेल खंड की दोहरी करण का काम पूरा होने से बड़े शहरों में आवागमन आसान हो जोयगा. साथ ही शहर ही नहीं, बल्कि जिले में बदलाव देखने को मिलेगा. वहीं शहर में जाम की समस्या को दूर करने के लिए केंदुआ बाईपास से लेकर सद्भावना चौक बायपास तक व रजौली स्टैंड से लेकर मस्तान गंज तक डिवाइडर वाले बड़े सड़क बनाये गये हैं.

पटना से रांची आवागमन होगा आसान

एनएच 31 से बने एनएच 20 पर फोर लेन निर्माण का काम जारी हैं. शहर के अंदर भी निर्माण कार्य का असर दिखता है. बख्तियारपुर से रजौली कोडरमा बॉर्डर तक इस फेज के तहत निर्माण कार्य चल रहा है. शहर से गुजरने वाले यह सड़क फोरलेन होने के बाद आवागमन के लिए काफी आसान हो जायेगा. पटना से रांची के लिए अगर इस रास्ते का इस्तेमाल होता है तो निश्चित ही यह शहर के विकास और विस्तार के लिए काफी लाभकारी साबित होगा.

रेलखंड में विद्युतीकरण का काम हो चुका है पूरा

परिवहन सुविधाओं के विस्तार से महानगरों से दूरियां कम होगी. शहर का विकास भी तेजी से होगा. वर्षो से उपेक्षित किऊल गया रेलखंड में विद्युतिकरण का काम पूरा होने के बाद अब दोहरीकरण का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है. इसके बाद नयी संभावनाओं की शुरूआत होगी. गया-किऊल रेलखंड के विद्युतिकरण के बाद लोगों को सुलभ व कम समय में दूरी तय करने का लाभ मिलने लगा है. आजादी के पहले इस रेलखंड पर जो विस्तार के काम हुए इसके बाद तत्कालिक सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के प्रयासों से 2018 से विद्युतिकरण की शुरूआत की गयी थी. जबकि आने वाले वर्ष 2023 तक दोहरीकरण का काम पुरा करने का लक्ष्य रखा गया है. डीजल इंजन की गाड़ियों को बदलकर मेमू ट्रेन के रूप में बदला गया है. इसके अलावे मार्च 2019 से नई दिल्ली के लिए ट्रेन की शुरूआत भी हुई है.

लगभग 13 सौ करोड़ रुपये से रेलखंड का हो रहा दोहरीकरण

गया -किऊल तक 124 किलोमीटर की दूरी में रेलवे ट्रैक को दोहरीकरण किया जा रहा है. किऊल व गया दोनों तरफ से काम शुरू है. रेलखंड की सबसे अच्छी बात यह है कि रास्ते में दोहरीकरण के लिए एक इंच भी जमीन रेलवे को नहीं चाहिए. रेलवे के पास सभी स्थानों के लिए पर्याप्त जमीन है. रेल मंत्रालय के द्वारा योजना पर करीब 13 सौ करोड़ रूपये खर्च कर रही है. अनुमानित आंकड़ों के अनुसार वर्तमान समय में 20 हजार यात्री प्रतिदिन इस रेलखंड में यात्रा करते हैं.

गया-किऊल रेलखंड में दोहरीकरण के लिए 336 छोटे-बड़े पुल बनेंगे

रेलखंड पर पुल पुलियों की संख्या अधिक होने के कारण कुछ काम को पूरा करने में देरी हो रही है. गया से आगे व किऊल से वारिसलीगंज तक तेजी के साथ दोहरीकरण के लिए काम को पूरा किया जा रहा है. नवादा शहरी क्षेत्र में भी दोहरीकरण के लिए जमीन की लेवलिंग और स्लैब बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है. कुल 31 छोटे-बडे स्टेशनों को जोड़ने वाली गया-किऊल रेलखंड में दोहरीकरण के लिए 336 छोटे-बड़े पुल, पुलिया का निर्माण हो रहा है. अधिकतर स्थानों पर काम शुरू हो गया है या काम शुरू करने के लिए तैयारी हो रही है.

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क्या कहते हैं अधिकारी

सदर एसडीओ उमेश कुमार भारती का कहना है कि रेलवे के दोहरीकरण और फोरलेन निर्माण के साथ अन्य विकास योजनाओं को गति दी जा रही है. निर्माण कार्य पूरा होने के बाद स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा.

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