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बुराइयों से रोकता है रमजान
रोजेदार अध्यात्म में बिताएं समय वारिसलीगंज : रमजान का महीने में अल्लाह की रहमत बरसती है. रमजान में रोजेदार आत्म नियंत्रण के जरिए खुद को बुराइयों से दूर करता है. रोजेदार भूख-प्यास पर काबू रख कर दुनियावी कार्यों के साथ अपना समय अध्यात्म में बिताता है. अल्लाह ने अमूमन 30 दिनों के रमजान महीने को […]
रोजेदार अध्यात्म में बिताएं समय
वारिसलीगंज : रमजान का महीने में अल्लाह की रहमत बरसती है. रमजान में रोजेदार आत्म नियंत्रण के जरिए खुद को बुराइयों से दूर करता है. रोजेदार भूख-प्यास पर काबू रख कर दुनियावी कार्यों के साथ अपना समय अध्यात्म में बिताता है.
अल्लाह ने अमूमन 30 दिनों के रमजान महीने को तीन असरों में बांटा है. पहले 10 दिन का असरा बरकतका, दूसरा रहमत का और तीसरा मगफिरत(गुनाहों की माफी) के लिए तय किया गया है. रमजान के महीने में सच्चे दिल से अपने गुनाहों की माफी मांगनेवाले रोजेदारों को अल्लाह माफ कर देता है.
माह-ए-रमजान के खैर-मकदम के लिए मसजिदों में तरावीह की नमाज के वास्ते पहले से रंग-रोगन और बाकी तैयारियां शुरू कर दी जाती हैं.कुरान शरीफ की तिलावत से सराबोर तरावीह की नमाज फर्ज है. मुसलमान भाइयों का कहना है कि खुशनसीब हैं, वो लोग जिन्होंने रमजान का महीना पाया है.
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