नेपाल में बंधक 45 मजदूर लौटे स्वदेश

कार्रवाई. वारिसलीगंज के रहनेवाले हैं श्रमिक संयुक्त श्रमायुक्त ने भारतीय दूतावास से संपर्क कर मजदूरों को कराया मुक्त नवादा : नवादा जिले के 45 मजदूरों को नेपाल में बंधक बनाये जाने के बाद जिला प्रशासन व श्रम विभाग की पहल पर शनिवार को छुड़ा कर नवादा लाया गया़ मजदूरों को उनके घर वारिसलीगंज स्थित सौर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 25, 2017 4:01 AM

कार्रवाई. वारिसलीगंज के रहनेवाले हैं श्रमिक

संयुक्त श्रमायुक्त ने भारतीय दूतावास से संपर्क कर मजदूरों को कराया मुक्त
नवादा : नवादा जिले के 45 मजदूरों को नेपाल में बंधक बनाये जाने के बाद जिला प्रशासन व श्रम विभाग की पहल पर शनिवार को छुड़ा कर नवादा लाया गया़ मजदूरों को उनके घर वारिसलीगंज स्थित सौर गांव पहुंचा दिया गया़ मुक्त होने पर मजदूरों के चेहरे पर अपने मुल्क आने की चमक साफ दिखाई दे रही थी. श्रमाधीक्षक जागृति प्रभात ने बताया कि सात-आठ महीने पूर्व सभी मजदूरों को वारिसलीगंज के चकवाय गांव निवासी ठेकेदार बिनोद राम के द्वारा ईंट भट्ठा पर काम करने के लिए भेजा गया था़
मजदूरों के बंधक बनाये जाने की जानकारी मिलने पर जिला प्रशासन की पहल पर नयी दिल्ली के बिहार भवन में संयुक्त श्रमायुक्त से संपर्क किया गया़ इसके बाद उनके माध्यम से नेपाल में रहे भारतीय दूतावास से संपर्क कर सभी मजदूरों के बारे में पूरी जानकारी दी गयी. नेपाल की सप्तरी जिला पुलिस ने
पथरगारा में बंधक बने सभी मजदूरों को मुक्त कराया. विमुक्त कराये गये सभी मजदूरों को नेपाल पुलिस व प्रशासन ने भारत के बिहार राज्य का सीमावर्ती जिला सुपौल के विहपुर अनुमंडल के समीप बॉर्डर तक लाकर सुपौल प्रशासन के हवाले किया गया़ इसके बाद सुपौल प्रशासन ने तीन श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों की टीम बना कर उनके साथ नवादा लाया गया़ टीम में वारिसलीगंज, गोविंदपुर तथा नरहट के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी शामिल थे़ मजदूरों में 11 महिलाएं, 13 पुरुष तथा 21 बच्चे शामिल हैं. ठेकेदार बिनोद राम पर वारिसलीगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

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