हड़ताली कर्मचारियों ने निकाला आक्रोश मार्च

नवादा : नगर परिषद के सफाई मजदूर संघ पांच सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. सोमवार को हड़ताली सफाईकर्मियों ने रेलवे स्टेशन से आक्रोश मार्च निकाला़ यह शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए प्रजातंत्र चौक पर पहुंच कर आमसभा में तब्दील हो गया़ वक्ताओं ने कहा कि मजदूरों की समस्या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 4, 2017 5:24 AM

नवादा : नगर परिषद के सफाई मजदूर संघ पांच सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. सोमवार को हड़ताली सफाईकर्मियों ने रेलवे स्टेशन से आक्रोश मार्च निकाला़ यह शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए प्रजातंत्र चौक पर पहुंच कर आमसभा में तब्दील हो गया़ वक्ताओं ने कहा कि मजदूरों की समस्या का समाधान के लिये सरकार गंभीर नहीं है. इस कारण वे सब मांगों के समर्थन में हड़ताल करने को विवश हैं.

नगर पर्षद में वर्षों से कार्यरत मजदूरों को स्थायी करने तथा सभी सफाई कर्मियों को पिछले बोर्ड द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव को मंजूरी देने की मांग की गयी. हड़ताली सफाई कर्मियों ने कहा कि पूर्व में उक्त बोर्ड द्वारा की गयी अवैध बहाली को रद्द करने की शर्त पर ही समझौता वार्ता संभव है़ मांगे पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा़ आमसभा में द्वारिका रविदास, दिनेश कुमार अकेला, कन्हैया डोम, मुकद्दर डोम, भज्जु रविदास, रनेश दास, विमन दास, कृष्णा डोम, अमित डोम, बबिता, अनिता, संगीता, उमेश डोम, दीपक डोम, बनारसी डोम व यदु डोम मौजूद थे़

कर्मियों को मनाने का किया जा रहा प्रयास
सफाईकर्मियों को काम पर लौटाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. बोर्ड के स्तर पर जो भी जायज मांगों को पूरा किया जा सकता है, उसे निश्चित ही पूरा किया जायेगा. वार्ता कर सफाईकर्मियों को मनाने का प्रयास किया जा रहा है. शहर में सफाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था का भी प्रयास होगा. कोशिश होगी कि शहर के लोगाें को तकलीफ न हो.
पूनम कुमारी, नगर पर्षद अध्यक्ष
शहर में 180 सफाई कर्मचारी दे रहे सेवा
सफाई कर्मचारी कन्हैया डोम, नरेश डोम, रामभज्जू डोम, संगीता, इंदु, रेशमा, विधि, दुखिया देवी आदि सफाईकर्मियों ने कहा कि कई वर्षों से केवल 20 स्थायी सफाईकर्मी व 160 दैनिक भोगी सफाईकर्मी के रूप में लोग अपनी सेवा दे रहे हैं. डेली मजदूरी करनेवालों को पहले, तो हर रोज काम नहीं मिलता है, दूसरे आठ घंटे के एक शिफ्ट के लिए केवल 250 सौ रुपये दिये जाते हैं. जब तक उन्हें स्थायी नहीं किया जायेगा तब तक काम ठप रहेगा.

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