आंसू गैस के गोले दाग कर दंगाइयों को खदेड़ा !

मॉक ड्रिल. जवानों ने दंगा कंट्रोल करने के बताये तरीके पुलिस के साथ रिहर्सल कर किया प्रदर्शन डीएम व एसपी ने लिया ट्रेनिंग का जायजा नवादा : दंगों से निबटने के लिए शुक्रवार को नगर के हरिश्चंद्र स्टेडियम में रैपिड एक्शन फोर्स ने मॉक ड्रिल का प्रदर्शन कर एक-दूसरे को प्रशिक्षण दिया गया. डीएम कौशल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2017 3:44 AM

मॉक ड्रिल. जवानों ने दंगा कंट्रोल करने के बताये तरीके

पुलिस के साथ रिहर्सल कर किया प्रदर्शन
डीएम व एसपी ने लिया ट्रेनिंग का जायजा
नवादा : दंगों से निबटने के लिए शुक्रवार को नगर के हरिश्चंद्र स्टेडियम में रैपिड एक्शन फोर्स ने मॉक ड्रिल का प्रदर्शन कर एक-दूसरे को प्रशिक्षण दिया गया. डीएम कौशल कुमार व एसपी विकास बर्मन की उपस्थिति में यह प्रदर्शन किया़ स्टेडियम में रैप जवानों व स्थानीय पुलिस ने दंगा का स्वरूप तैयार कर दंगा रोकने के तरीके बताये़
दंगा होने पर दंगाइयों पर नियंत्रण करने, उनके ऊपर हथियारों का प्रयोग करने आदि का प्रदर्शन किया गया़ रैप के डिप्टी कमांडेंट पीके मिश्रा ने बताया कि नवादा में 21 अगस्त को वह आये हैं और यहां की जानकारी वह ले रहे हैं़ पांच दिनों के नवादा दौरे में जिला दंगा नियंत्रण टीम से काफी सहयोग मिला. श्री मिश्रा ने बताया कि माॅकड्रिल के दौरान सेल ग्रेनेड, सेल्स व स्पेशल इक्यूपमेंट का प्रदर्शन किया गया. प्रशिक्षण के दौरान आंसू गैस का भी प्रयोग किया गया.
उन्होंने बताया कि दंगा में चारों तरफ से घिरने के बाद पुलिस को अपना बचाव करते हुए कैसे उन दंगाइयों से निबटना चाहिए़ एसटीएफ के 100-150 जवान दंगाई बन कर पुलिस पर टूट पड़े़ इसके बाद पुलिस जवानों ने उनको खदेड़ने में कैसे कामयाबी पाने के तरीकों का प्रदर्शन कर सफलता हासिल की़ उन्होंने बताया कि वज्रवाहन नहीं रहने से जवानों को दिक्कत हुई़ श्री मिश्रा ने बताया कि दंगा के दौरान सबसे पहले सुरक्षा कवच का प्रयोग किया जाता है. उसके बाद नियंत्रण नहीं होने पर वज्रवाहन का प्रयोग कर दंगाइयों पर पानी की बौछार करनी चाहिए़
इसके बाद भी कंट्रोल नहीं हुआ, तो आंसू गैस के गोले दागे जाते हैं़
उन्होंने बताया कि भीषण दंगा के दौरान पब्लिक की भीड़ अधिक रहने पर लंबी दूरी का सेल प्रयोग किया जाता है. यदि मामला नजदीक का हो, तो ग्रेनेड का प्रयोग होता है. दंगा के दौरान जगह और माहौल को ध्यान में रखते हुए कोई भी हथियार का प्रयोग करने के पहले इस बात का ध्यान रखना पड़ता है कि जान माल की क्षति तो नहीं हो रही है.
रैफ बटालियन की दो टीमें हुईं शामिल
रैफ बटालियन की दो टीमों ने नवादा और नालंदा में पांच दिनों का दौरा कर माकड्रिल की़ यह टीम बिहार, झारखंड, बंगाल एवं उड़ीसा में प्रत्येक वर्ष दौरा करती है. नवादा व नालंदा अति संवेदनशील जगह रहने के कारण टीमों को इन दोनों जिलों के लिए लगाया गया है. पूरे जिले में रैप के 70 लोगों की टीम नवादा में कैंप कर रही थी़ पांच दिनों में नवादा के चप्पे-चप्पे का जायजा लिया गया. पर्यटक स्थल, ग्रामीण इलाका, शहर हर वैसे इलाकों के रास्ते का जायजा लिया गया, जहां से आपात स्थिति में निकलने में सहायता मिल सके. इस प्रशिक्षण में रैप के स्टंट कमांडेंट रंजीत कुमार के अलावा मेजर सार्जेंट रमेश कुमार आदि पुलिस पदाधिकारी व जवान मौजूद थे.

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