भजन-कीर्तन व दुर्गापाठ से बदला माहौल
हिसुआ : हिसुआ-नवादा मेन रोड पर थाने के सामने मां दुर्गा के मंदिर में नवरात्र में काफी भीड़ होती है. वैसे तो सालो भर यहां मां का दरबार सजा रहता है. हालांकि नवरात्र में यहां काफी धूम रहती है. हर दिन भक्ति का आलम रहता है. मंगलवार की रात मां का भजन-कीर्तन जरूर होता है. […]
हिसुआ : हिसुआ-नवादा मेन रोड पर थाने के सामने मां दुर्गा के मंदिर में नवरात्र में काफी भीड़ होती है. वैसे तो सालो भर यहां मां का दरबार सजा रहता है. हालांकि नवरात्र में यहां काफी धूम रहती है. हर दिन भक्ति का आलम रहता है. मंगलवार की रात मां का भजन-कीर्तन जरूर होता है. इस बार भी पूजा की पूरी तैयारी है. मंदिर समिति के लोग तन-मन से लगे हुए हैं.
कलश स्थापना के दिन से ही स्थायी प्रतिमा के सामने पर्दा लग जाता है. सप्तमी तक विधिवत कलश रख कर दुर्गा पाठ होता है और फिर सप्तमी को मां का पट खुलता है.
मां को नये परिधान धारण कराया जाता है. सप्तमी से यहां माहौल और भक्तिमय हो जाता है. श्रद्धालु मन्नतें मांगते हैं. जिनकी मुरादें पूरी होती हैं, वे चढ़ावा चढ़ाने पहुंचते हैं. मां को आभूषण व मुकुट से लेकर अन्य चढ़ावा चढ़ाये जाते हैं. चारों दिन मां के दर्शन की काफी भीड़ उमड़ती है.
1985 में बना मंदिर और स्थापित हुई मूर्ति : 1985 में यहां पर के फल विक्रेताओं, फल ठेकेदार और भक्तों की पहल पर मंदिर की स्थापना हुई. शंभु लाल, मनोज लाल, दयानंद राम, ब्रह्मानंद शर्मा, रमेश कुमार पांडेय उर्फ गोपाल पांडेय, सुनील कुमार आदि की पहल पर पूजा शुरू हुई. मूर्ति की स्थापना हुई. कई साल के बाद मां की बेहतर मूर्ति दोबारा लगायी गयी.
वर्तमान समिति में सचिन कुमार अध्यक्ष, मुन्ना कुमार टूल्लु सचिव, गुड्डू कुमार पांडेय लाइसेंसधरी, मनोज लाल, दयानंद राम, शंभु लाल, दीपू पांडेय व निशांत प्रकाश आदि सक्रिय सदस्य हैं. शुरू से रमेश कुमार पांडेय ही पुजारी के रूप में पूजा-अर्चना करा रहे हैं. हिसुआ-नवादा मेन रोड में इसी मां दुर्गा, पंजाब नैशनल मां के समीप की भारत माता और काली कुआं के समीप की स्थायी दुर्गा प्रतिमा की वजह से पूजा में रौनक रहती है.