बुंदेलबाग में हुआ ताजियों का जुटान

मेले जैसे माहौल में कराया गया पहलाम नवादा : जिले भर में शांति व सौहार्दपूर्ण वातावरण में ताजिये का पहलाम किया गया. सुबह से ही विभिन्न इमामबाड़ों से ताजिये को लोगों ने गाजे-बाजे के साथ पार नवादा बुंदेलबागी में एकत्रित किया. जहां पूरा दिन मेले जैसा माहौल था़ दोपहर बाद बुंदेलबाग से ताजिये को करबला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2017 9:45 AM
मेले जैसे माहौल में कराया गया पहलाम
नवादा : जिले भर में शांति व सौहार्दपूर्ण वातावरण में ताजिये का पहलाम किया गया. सुबह से ही विभिन्न इमामबाड़ों से ताजिये को लोगों ने गाजे-बाजे के साथ पार नवादा बुंदेलबागी में एकत्रित किया. जहां पूरा दिन मेले जैसा माहौल था़
दोपहर बाद बुंदेलबाग से ताजिये को करबला के लिए ले जाया गया़ गाजे-बाजे के साथ लोग हाय-हुसैन, हाय-हसन करते नजर आये़ ताजिये के साथ अखाड़ों में तलवारबाजी व लाठी भांजते हुए लोग पहलाम की ओर बढ़ते रहे. कड़ी सुरक्षा के साथ ताजिये का पहलाम कराने में प्रशासन जुटा रहा़
जगह-जगह कई संस्थाओं ने सेवा शिविर लगा कर लोगों की मदद की़ डीएम कौशल कुमार व एसपी विकास बर्मन देर सुरक्षा व्यवस्था पर नजर बनाये हुए थे़ असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए सादे लिबास में भी पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया था. पूरे नवादा शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे से निगहबानी हो रही थी़
तिरंगा लगा कर दिया देशभक्ति का पैगाम
शहर के जितने भी ताजियों का निर्माण किया गया था सभी में देशभक्ति का प्रमाण देखने को मिल रहा था. सभी ताजियों में तिरंगा ध्वज और देशभक्ति धुन से सौहार्द पूर्ण वातावरण का मिसाल दिया जा रहा था.
इस्लामिक फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नेजाम खां कल्लू ने बताया कि सेवा शिविर में भी तिरंगा झंडा लगा कर लोगों की सेवा की गयी़ एक तरफ इमाम हुसैन की याद में मुहर्रम मनाया जा रहा था, तो दूसरी तरफ ताजिये के पहलाम में राष्ट्रीय ध्वज देशभक्ति का पैगाम दे रहा था.
गांवों में भी हुआ ताजिये का पहलाम
जिले के अन्य सभी 14 प्रखंडों में सोमवार को शांति व सौहार्द पूर्ण माहौल में ताजिये का पहलाम किया गया. अकबरपुर, कौआकोल तथा वरिसलीगंज में भी शांति और सौहार्दपूर्ण वातावरण में ताजिये का पहलाम किया गया.
गौरतलब हो कि पिछले कुछ दिनों से जिले को अशांत करने के उद्देश्य से कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा उपद्रव मचा कर माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया गया था, परंतु प्रशासन और सभ्रांत नागरिकों की सूझ-बूझ के बाद माहौल शांत रहा तथा शांति पूर्वक दोनों समुदायों का त्योहार संपन्न हो गया.

Next Article

Exit mobile version