विधि-व्यवस्था के नाम पर दी परेशानी

पांच दिनों से ठप है इंटरनेट सेवा बैंकिंग समेत पूरा कारोबार प्रभावित रिपोर्ट नहीं मिलने से चिकित्सा व्यवस्था ठप बिजली आपूर्ति बािधत पानी का हो रहा संकट नवादा : प्रशासन को सहयोग करने के नाम पर जिले के लोगों का सुख-चैन छीन लिया गया है़ शहर के लोग संकट से जूझ रहे हैं. प्रशासन इसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2017 9:46 AM
पांच दिनों से ठप है इंटरनेट सेवा
बैंकिंग समेत पूरा कारोबार प्रभावित
रिपोर्ट नहीं मिलने से चिकित्सा व्यवस्था ठप
बिजली आपूर्ति बािधत पानी का हो रहा संकट
नवादा : प्रशासन को सहयोग करने के नाम पर जिले के लोगों का सुख-चैन छीन लिया गया है़ शहर के लोग संकट से जूझ रहे हैं. प्रशासन इसे लॉ एंड ऑर्डर का नाम दे रहा है़ त्योहार का सीधा मतलब खुशियों से है. ऐसे ही मौके पर संकटों का सामना करना पड़े, तो आप क्यों न बिलबिला उठें.कुछ ऐसी ही अकुलाहट शहर के लोग बीते पांच दिनों झेल रहे हैं
जिले में गहन चिकित्सीय जांच प्रभावित है. ऑनलाइन मेडिकल रिपोर्ट नहीं आने से इलाज पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हैं.इंटरनेट सेवा बंद है. बिजली नहीं आ रही है. जलापूर्ति सेवा ठप है. स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हैं. बैंकीय कारोबार पर असर पड़ रहा है. बाजार का लेनदेन रुका है. ई-टिकटिंग का काम नहीं हो रहा है. जिले का प्रशासनिक महकमा कहता है कि विधि व्यवस्था के नाम पर यह जरूरी है.
सोशल मीडिया खबरों को बगैर सिर-पैर का बनाकर प्रशासन के लिए परेशानी खड़ा कर देता है. पर,इसे ठीक करने के लिए पूरी साइबर सिस्टम को ठप नहीं किया जा सकता है. आपने सूना होगा कि एक मामूली जख्मी के लिये पूरे अंग को काट कर अलग कर दिया गया. पर,यह जख्म का इलाज नहीं है.
इनदिनों शहर के लोग कुछ ऐसे ही निर्णयों के दौर से गुजर रहे हैं. जिले में कहीं भी खबरों का आदान-प्रदान नहीं हो रहा है. इसे मीडिया पर बैन कहें, तो कोई आश्चर्य नहीं. हमें सरकार और सत्ता ऐसी ही चलानी है,तो चलेगी. जिन घटनाओं की प्रशासनिक चर्चा हुई, उसका प्रशासनिक परिणाम लगभग शून्य है. मामूली सी फसाद को त्रासदी का रूप दे रखा है.
आज की दुनिया मोबाइल की है. साइबर की है. इसके बगैर हम कोई कल्पना नहीं कर सकते. पर,अब हमें इसके बगैर जीने की कला सीखनी होगी. शायद जिला प्रशासन हममें यही आदत डालना चाह रहा है.

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