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जब जीतन राम मांझी ने कहा, बिहार बदलने की कोशिश की, पर मुझे ही बदल दिया
नवादा : पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि समानता के बगैर शिक्षा में सुधार संभव नहीं है. बिहार में जो काम 70 वर्षों में नहीं हुआ, वह मैंने अपने चार माह के कार्यकाल में कर दिखाया. मेरी कोशिश प्रदेश को बदले की थी, लेकिन मुझे ही सीएम के पद से हटा दिया गया. रविवार को नवादा […]
नवादा : पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि समानता के बगैर शिक्षा में सुधार संभव नहीं है. बिहार में जो काम 70 वर्षों में नहीं हुआ, वह मैंने अपने चार माह के कार्यकाल में कर दिखाया.
मेरी कोशिश प्रदेश को बदले की थी, लेकिन मुझे ही सीएम के पद से हटा दिया गया. रविवार को नवादा में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर की युवा संकल्प सभा को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा कि मोर्चे के सभी प्रकोष्ठों का गठन जिलाें में करते हुए इसी प्रकार की संकल्पसभा की जायेगी़ उन्होंने कहा कि हमें 15 माह का समय मिला था और काम अधिक करना था. लेकिन, जिसने मुझे सीएम बनाने का काम किया, वह हड़बड़ा गये. उन्होंने सोचा कि अगर जीतन राम के सीएम रहते हुए चुनाव हुआ, तो निश्चित रूप से अगला सीएम अनुसूचित जाति समुदाय से होगा.
उन्होंने कहा कि हमें मुख्यमंत्री का पद उपहार या भीख के कटोरे में मिला था. सरकार चलाने के लिए जमात, राजनीति, चापलूसी, पैसा, धन बल व बाहुबल की जरूरत है, जो मेरे पास नहीं है. जिस एमएलए ने हमसे काम लिया, उसने भी साथ नहीं दिया. आज जनता के बीच भ्रांतियां फैला कर नेता सत्ता में आते हैं.
पार्टी में जब संकट गहराया, तब मुझे मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी गयी और संकट समाप्त होते ही मेरी कुर्सी छीन ली गयी. श्री मांझी ने कहा कि लीख (पगडंडी) पर चलनेवाले गरीब लोग गरीब ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि जब हम मुख्यमंत्री बने तब गरीबों के लिए कई कानून बनाये. अनुसूचित जाति के बेरोजगार युवकों के लिए ठेकेदारी में आरक्षण देकर उन्हें रोजगार देने का काम किया़, तो लोग मुझे पागल कहने लगे. होमगार्डों के लिए नया कानून बनाया.
लेकिन, मेरे द्वारा बनाने गये सभी कानून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निरस्त कर दिया. उन्होंने कहा कि बीए तथा एमए पास बेरोजगारों के लिए 5000 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान लागू किया, तब सरकार का खजाना खाली होने की बात कह कर प्रावधान को लागू होने नहीं दिया गया.
इसके अलावा महिलाओं को उच्च शिक्षा पाने के लिए हमने कॉलेज तथा विश्वविद्यालय में मुफ्त शिक्षा देने के लिए प्रावधान किया था, लेकिन उसे भी लागू नहीं होने दिया गया. उन्होंने कहा कि हमने बाबा साहब भीम राव अंबेडकर द्वारा कही गयी बातें राष्ट्रपति का बेटा हो या भंगी का, सबको शिक्षा एक समान का अनुकरण कर जब इसका प्रावधान करने का प्रयास किया, तो उसमें भी अड़ंगा लगा दिया गया.
उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील की कि बिखरे हुए लोगों को एक सूत्र में बांध कर पार्टी को मजबूत करने का काम करें, जिससे बदलाव लाया जा सके. मौके पर धीरेंद्र कुमार मुन्ना, सुभाष चंद्रवंशी, रवि चौधरी, अशोक मांझी, अरुण कुमार, राजकमल, सत्येंद्र पासवान, उदय कुमार, भोला राजवंशी, शारदा देवी, रालोसपा के जिला अध्यक्ष इंद्रदेव कुशवाहा, गीता पासवान, लवकुश कुमार, राजेश कुमार सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे.
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