नवजातों की ठीक से नहीं हो रही परवरिश, धरती पर गुजर रही रात

नवादा नगर : भटके हुए बच्चों की आश्रय स्थली दत्तक ग्रहण केंद्र इन दिनों बदहाली से गुजर रहा है. जिले के एकमात्र दत्तक ग्रहण केंद्र में पुरानी व्यवस्था को समाप्त कर नये जिम्मेदारों के भरोसे सिस्टम सौंपा गया है. बावजूद सब कुछ पुराने ढर्रे पर ही हो रहा है. जिम्मा लिये नये लोग भी व्यवस्था […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2018 5:41 AM
नवादा नगर : भटके हुए बच्चों की आश्रय स्थली दत्तक ग्रहण केंद्र इन दिनों बदहाली से गुजर रहा है. जिले के एकमात्र दत्तक ग्रहण केंद्र में पुरानी व्यवस्था को समाप्त कर नये जिम्मेदारों के भरोसे सिस्टम सौंपा गया है. बावजूद सब कुछ पुराने ढर्रे पर ही हो रहा है. जिम्मा लिये नये लोग भी व्यवस्था में सुधार नहीं कर पा रहे हैं.
इसी का परिणाम है कि चार-पांच माह से दत्तक ग्रहण केंद्र किसी न किसी मामले में चर्चा व अखबारों की सुर्खियों में रहा है. केंद्र को चलानेवाले पुराने लोगों से यह कह कर अधिकार छीन लिया गया था कि व्यवस्था दुरुस्त करने में ये लोग नाकाम हैं. इसके बाद केंद्र की जिम्मेदारी जिला बाल संरक्षण इकाई को दे दी गयी. हालिया स्थिति यह है कि नये संस्थान में छोटे-छोटे बच्चे जमीन पर सोने को विवश हैं. दत्तक ग्रहण केंद्र में बच्चों के सोने के लिए बिस्तर की भी व्यवस्था नहीं की गयी है. केंद्र में चैकियों का अभाव है. इसके चलते दरी डाल कर फर्श पर बच्चों को सुलाया जा रहा है. केंद्र पर ध्यान नहीं दिये जाने का नतीजा था कि पिछले दिनों छह माह के अंदर चार छोटे बच्चों की मौत हो गयी थी. इसके बाद जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए पुरानी एजेंसी को रद्द कर नये संस्थान को जिम्मा दिया है. दत्तक ग्रहण संस्थान का प्रभार बाल संरक्षण इकाई को सौंपे जाने के दौरान उपलब्ध संसाधनों की सूची बनायी जा रही है. लेकिन, फिलहाल दत्तक ग्रहण संस्थान के बच्चों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. संस्थान में बच्चों के रहने के लिए बिस्तर और चौकी के साथ साथ पंखे व अन्य सामग्री का अभाव है. फिलहाल किराये पर पंखे व कुछ अन्य सामग्री उपलब्ध करायी गयी है. यहां फिलहाल आठ बच्चे रह रहे हैं.
बच्चों को गोद लेने के लिए पहुंचते हैं विदेशी भी
विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में संतानहीन दंपती बच्चों को गोद लेने के लिए पहुंचते हैं. पिछले दिनों देश दुनिया के कई दंपतियों ने नवादा जिले के दत्तक ग्रहण संस्थान से बच्चों को गोद लिया है. डीएम मनोज कुमार के समय में अमेरिकी दपंती को समोराहपूर्वक कार्यक्रम कर बच्चा सौंपा गया था. व्यवस्था में खराबी के कारण पिछले छह महीनों के दौरान चार बच्चों की मौत हो चुकी है. इसमें संस्थान को जिम्मेदार बताया गया. लालन-पालन में लापरवाही बरते जाने के आरोप में जिला प्रशासन द्वारा पूर्व से कार्यरत एजेंसी की संबद्धता समाप्त करने का आदेश दिया गया है. प्रशासन ने बाल संरक्षण इकाई को नये तौर पर बच्चों की परवरिश का जिम्मा सौंपा है.
भटके व फेंके मिले बच्चों का आश्रय
फेंके गये नवजात बच्चे व गाड़ियों आदि से भटक कर आये व लावारिस स्थिति में मिले बच्चों को दत्तक केंद्र में आश्रय दिया जाता है. सरकारी उपक्रम के अनुसार पुलिस प्रशासन द्वारा मिले बच्चों को बाल कल्याण समिति व बाल संरक्षण इकाई की मदद से पाला जाता है़. लावारिस बच्चों के परिवार के लोग जब तक नहीं मिलते है यही संस्थान उनका सहारा बनते हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
दत्तक ग्रहण संस्थान के नये प्रबंधक आदर्श निगम ने कहा कि बाल संरक्षण इकाई के वरीय पदाधिकारियों द्वारा संस्थान के निरीक्षण के दौरान सभी सुविधाएं जल्द ही उपलब्ध करा देने का आश्वासन दिया है. बच्चों के लालन-पालन में किसी किस्म की कोताही नहीं बरतने की हिदायत है. महिलाकर्मी बच्चों के साथ 24 घंटे साथ रह कर परिवार के बच्चों की तरह देखरेख कर रही हैं.

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