तापमान के उतार-चढ़ाव से परेशानी
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धूप-छांव, िफर बारिश से स्वास्थ्य व फसल बचाने पर दें ध्यान
तापमान के उतार-चढ़ाव से परेशानी नवादा : इन दिनों मौसम का मिजाज कब बिगड़ जाये, यह कहना मुश्किल हो गया है़ हाल यह है कि कब बारिश हो जाये और कब चिलचिलाती धूप का सामना करना पड़े, यह कहना कठिन है़ कभी-कभी तो एक ही दिन में ही लोगों को ठंड, गर्मी व बरसात का […]
नवादा : इन दिनों मौसम का मिजाज कब बिगड़ जाये, यह कहना मुश्किल हो गया है़ हाल यह है कि कब बारिश हो जाये और कब चिलचिलाती धूप का सामना करना पड़े, यह कहना कठिन है़ कभी-कभी तो एक ही दिन में ही लोगों को ठंड, गर्मी व बरसात का सामना करना पड़ रहा है़ ऐसे में सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ना लाजिमी है़ इसके चलते हर घर में कोई न कोई बीमारी की गिरफ्त में है़
उतार-चढ़ाव वाले मौसम में आम लोगों को अपने सेहत के प्रति खास ध्यान रखना जरूरी हो गया है़ बता दें कि पिछले दिनों मौसम के प्रचंड रूप को लोगों ने देखा है़
उस समय तापमान 44 डिग्री पार कर गया था़ लेकिन, एक झटके के साथ ही मौसम ने अपना रंग दिखाया और झमाझम बारिश कर तापमान में गिरावट ला दी़ शनिवार को यही ताप मान गिर कर 36 डिग्री पर पहुंच गया़ बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के साथ-साथ मानसून का प्रवेश बिहार में होनेवाला है़ इसके चलते दोपहर 12 बजे तक तेज धूप के साथ पारा 44 डिग्री सेल्सियस के बाद अब 36 डिग्री पर पहुंच गया है़ सुबह से चिलचिलाती धूप का सामना करते हुए अचानक देखते ही देखते आसमान में काले घने बादल छा जा रहे हैं और दोपहर बाद शाम होते-होते झमाझम बारिश शुरू हो जा रही है़ रात को ठंडी तेज हवा भी बहने लगती है़
जो सेहत और खेती के लिए परेशानी का सबब है़ विशेषज्ञों की मानें, तो इस बारिश से सेहत व फसल दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है़ बताया जा रहा है कि आर्द्रता बढ़ने की वजह से बारिश होने की बात कही जा रही है़ साथ ही तेज बारिश के साथ ओले गिर रहे हैं़ जो आने वाले दिनों में भी होने की संभावना व्यक्त की जा रही है़
बाजार का खाना छोड़ मौसमी फलों पर दें ध्यान
ऐसे मौसम में लोगों को सेहत के प्रति ज्यादा संवेदनशील रहने की जरूरत है़ इसमें वायरल बुखार और सर्द-गर्म का डर बना रहता है़ बीते कुछ दिनों में मौसम में तेजी से उतार-चढ़ाव हो रहा है़ पिछले दिनों रोहण तपने के साथ ही जिस तरह की बेतहाशा गर्मी पड़ी है और फिर इसी बीच अचानक बारिश हो हुई़ इसका प्रभाव लोगों की सेहत पर पड़ सकता है. अक्सर ऐसे मौसम के बाद वायरल फीवर और सर्द-गरम की वजह से सर्दी, खांसी तथा चेचक आदि बीमारियों का लोग शिकार हो रहे हैं.
ऐसे हालात में बाजारों का खाना नहीं खाना चाहिए, पानी खूब पीना चाहिए, तेज धूप पड़े तो उसमें निकलने से बचें.इस मौसम में बारिश से भीगने का प्रयास नहीं करें तथा मौसमी फलों का सेवन करें. आइसक्रीम व केमिकलवाले शीतल पेय से बचने का प्रयास करें. मौसम बदलने का ज्यादा असर बच्चे और बुजुर्गों पर पड़ेगा़ बादल छंटते ही एक बार फिर तेज गर्मी पड़ेगी़ इससे लू लगने की आशंका बढ़ जायेगी़ बहरहाल शहरवासियों से ऐसे में सावधानी बरतने की सख्त जरूरत है़
डॉ प्रभाकर सिंह, फिजिशियन, सदर अस्पताल, नवादा
फसलों को भी क्षति
खरीफ फसलों की खेती एक तरफ से फायदेमंद भी है, तो नुकसानदायक भी है़ जो तैयार फसल है, वह आंधी पानी से बर्बाद हो रही है़ धूप में खरीफ फसलों को बोने से उसके धरती में झुलस जाने का डर बना हुआ है़ ऐसे में सावधानी पूर्वक खेती करने की जरूरत है़ आनेवाले दिनों में बेमौसम बारिश की संभावना है़ क्योंकि, जलवायु हर 70 से 80 साल में बदलता रहता है़ 15 जून से शुरू होनेवाली बारिश अब मई में ही शुरू हो गयी है. यह बदलते पर्यावरण के कारण है़
सुनील कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी
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