रोजगार मिलने तक आश्रय स्थल को बनाएं आशियाना
नवादा : शहरी क्षेत्र में फुटपाथ पर गुजर-बसर करनेवाले गरीब व असहाय लोगों के लिए राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना के तहत आश्रय स्थल बनाया जा रहा है. तीन मंजिला भवन का निर्माण सदर अस्पताल में हो रहा है. इसमें केवल पेयजल व बिजली की सुविधा देनी है. बताया जाता है कि भवन पर 37 […]
नवादा : शहरी क्षेत्र में फुटपाथ पर गुजर-बसर करनेवाले गरीब व असहाय लोगों के लिए राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना के तहत आश्रय स्थल बनाया जा रहा है. तीन मंजिला भवन का निर्माण सदर अस्पताल में हो रहा है. इसमें केवल पेयजल व बिजली की सुविधा देनी है. बताया जाता है कि भवन पर 37 लाख 92 हजार रुपये खर्च किये गये हैं.
इसमें 50 बेड की सुविधा होगी. जरूरतमंद लोगों को आश्रय स्थल की कमेटी द्वारा तय राशि देनी होगी. कमेटी में पांच सदस्य शामिल होंगे, जो आश्रय स्थल चलायेंगे. इस भवन में रहनेवालों को सुविधाओं के साथ भोजन भी दिया जायेगा़ यहां रहनेवालों को जीवन भर रहने की अनुमति नहीं है़ वह एक सहारा के रूप में उस समय तक रह सकते हैं, जब तक उनको कोई रोजगार नहीं मिल जाता हो.
पांच सदस्यीय होगी कमेटी
आश्रय स्थल चलाने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनायी जायेगी.इसमें मुख्य रूप से नगर प्रबंधक, नगर मिशन प्रबंधक, पदेन स्थानीय वार्ड पार्षद व को-ऑपरेटिव से मान्यता प्राप्त किसी समूह के दो सदस्य रहेंगे. इसके समूह के सदस्यों के माध्यम से ही आश्रय स्थल में रहनेवालों को खाने की व्यवस्था करने का जिम्मा होगा़ चाहे वह किसी से खाना बनवाएं या खुद व्यवस्था करें़
विभाग को आश्रय भवन के लिए पानी व इलेक्ट्रिक का अलग से टेंडर कराने की व्यवस्था की गयी है़ इसके लिए करीब आठ लोगों ने टेंडर डाला है. कुछ, टेक्निकल परेशानी के कारण मामला अटका हुआ है़ विभाग को भी इसके लिए लिखा जा चुका है़ जल्द ही आश्रय भवन को पूर्ण रूप से तैयार कर दिया जायेगा़
कृष्ण मुरारी, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद, नवादा
सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी से आ रही दिक्कत
आश्रय भवन को राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से बनाया जा रहा है़ इसमें 37 लाख 92 हजार रूपये खर्च किये जाने हैं.भवन निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है़ इसमें 33 लाख 92 हजार 999 रुपये खर्च किये जा चुके है़ शेष तीन लाख 99 हजार से पेयजल, इलेक्ट्रिक के साथ सभी सुविधाएं देनी हैं. इसके लिए ऑनलाइन टेंडर का प्रावधान है. सात-आठ लोगों ने टेंडर भी डाला है़ परंतु, कुछ का टेंडर टेक्निकल फॉल्ट के कारण नहीं खुलने से निर्माण कार्य अटक गया है़ विभागीय सॉफ्टवेयर में कुछ का ही टेंडर शो कर रहा है. कुछ का शो नहीं करने से टेंडर का काम नहीं हो सका है़