बच्चे की चाहत में झारखंड से आये युवक की गयी जान

नवादा / पकरीबरावां : प्रखंड मुख्यालय अवस्थित स्वास्थ्य केंद्र में एक युवक के मरने की खबर बाजार में चर्चा का विषय बनी हुई है. झारखंड के गिरिडीह जिले के घुटिया थाना क्षेत्र से युवक बच्चे की चाहत में इलाज कराने के लिए चर्च के अस्पताल में आया था. यहां युवक को सूई देने के बाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2019 1:51 PM

नवादा / पकरीबरावां : प्रखंड मुख्यालय अवस्थित स्वास्थ्य केंद्र में एक युवक के मरने की खबर बाजार में चर्चा का विषय बनी हुई है. झारखंड के गिरिडीह जिले के घुटिया थाना क्षेत्र से युवक बच्चे की चाहत में इलाज कराने के लिए चर्च के अस्पताल में आया था. यहां युवक को सूई देने के बाद उसकी हालत खराब होने लगी. आनन-फानन में उसे स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने युवक को मृत घोषित कर दिया.

जानकारी के मुताबिक, झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले के घुटिया थाना चरोरी के एक परिवार के लोग बच्चे की चाहत में गुलनी के एक चर्च में इलाज कराने के लिए 15 दिन पूर्व मृतक नरेश यादव व पत्नी सरिता देवी आया था. चर्च के चिकित्सक द्वारा 15 दिन बाद पुनः इलाज के लिए बुलाया गया था. मृतक नरेश यादव जब निर्धारित 15वें दिन चर्च पर इलाज के लिए पहुंचा, तो चिकित्सक द्वारा उसे एक सूई दी गयी. सूई देने के बाद युवक को ठंड-सा महसूस होने लगा. ठंड आने के बाद नरेश ने अपने परिवार के लोगों को हाल सुनाया. तब आनन-फानन में चर्च के लोगों ने रोगी की हालत बिगड़ते देख प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पकरीबरावां रेफर कर दिया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. मृत होने की सूचना जैसे ही परिवार को मिली स्वास्थ्य केंद्र में कोहराम मच गया. बताते चलें कि एक बड़ा हादसा उस वक्त भी घटने से बच गयी, जब एक ही परिवार के चार लोगों को यही सूई लगायी गयी थी, जिसमें मृतक की पत्नी सरिता देवी, बहन गुड़िया देवी, बहनोई इंद्रदेव यादव और एक अन्य शामिल थे. बता दें कि जिन लोगों को सूई दी गयी थी, उन परिवार के सभी लोगों को एक ही बच्चे थे. दूसरे बच्चे के प्राप्ति के लिए सभी लोग अपना इलाज गुलनी चर्च पर करा रहे थे, तभी इस प्रकार की घटना सामने आयी. बताते चलें कि मृतक को 10 वर्ष का मनजीत नामक एक पुत्र भी है. मामले की सूचना जैसे ही स्थानीय थाना को मिली, दल-बल के साथ थानाध्यक्ष मोहम्मद सरफराज इमाम व अन्य पुलि स पदाधिकारी पहुंच कर परिजनों को समझा बुझा कर शांत कराया.

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