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जिले में शराब के विरुद्ध नहीं चल रहा छापेमारी अभियान

उत्पाद विभाग में छापेमारी अभियान के लिए भाड़े पर रखे गये वाहनों का नहीं हो रहा भुगतान नवादा : राज्य में शराबबंदी लागू किये हुए तीन साल होने को है. इस बीच उत्पाद विभाग ने शराबबंदी को लेकर लगातार कार्रवाई करते हुए अब तक 4420 छापेमारी कर चुकी है. इसमें 1839 शराब के मामले में […]

उत्पाद विभाग में छापेमारी अभियान के लिए भाड़े पर रखे गये वाहनों का नहीं हो रहा भुगतान

नवादा : राज्य में शराबबंदी लागू किये हुए तीन साल होने को है. इस बीच उत्पाद विभाग ने शराबबंदी को लेकर लगातार कार्रवाई करते हुए अब तक 4420 छापेमारी कर चुकी है. इसमें 1839 शराब के मामले में लोगों को गिरफ्तारी कर जेल भेजा जा चुका है. सरकार के हर निर्देश पर खरा उतरनेवाली उत्पाद विभाग अब संसाधनों के आभाव में शिथिल पड़ चुका है. पिछले एक माह से इस विभाग पर ग्रहण लग गया है. हालांकि संसाधनों के लिये राशि आवंटन को लेकर जिला से कई बार पत्र भेजा जा चुका है.

बावजूद उत्पाद विभाग को वाहनों के लिये अभी तक राशि का आवंटन नहीं मिल सका है. फलतः कार्रवाई का काम पूरी तरह से प्रभावित हो चुकी है. उत्पाद विभाग के शिथिल पड़ने के बाद शराब माफियाओं की चांदी कटने लगी है. पुलिस विभाग द्वारा इन दिनों जो भी कार्रवाई की जा रही है वह प्रयाप्त नहीं है. सरकार ने शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिये उत्पाद विभाग को जिम्मा तो दिया है, परंतु संसाधनों के लिये राशि आवंटन नहीं कर पा रही है.

होली व चुनाव को लेकर शराब धंधेबाज सक्रिय : इन दिनों होली का त्योहार और चुनाव का माहौल नजदीक होने से शराब माफिया पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है. ऐसे में उत्पाद विभाग की भूमिका बढ़ जाती है. उत्पाद विभाग को जब कार्रवाई करने का समय आया तो संसाधनों की कमी ने उन्हें अपंग कर दिया. ऐसे समय में उत्पाद विभाग को संसाधनों की आपूर्ति नहीं मिलने से यह साफ हो रहा है कि उपरी स्तर से शराब माफियाओं को बिहार में शराब की आपूर्ति करने की छूट मिल रही है. झारखंड से सटे बिहार के नवादा जिला शराब का हब बन चुका है. यहां हर गली मुहल्ला में बच्चों के हाथों शराब का सप्लाई किया जाता है. इसके अलावा हर ग्रामीण इलाकों में चुलाई शराब भट्ठी का भी तादात काफी बढ़ गयी है.

कुछ समय के लिए कार्रवाई में आयी थी तेजी : अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू होने पर इस जिले में उत्पाद विभाग का इंस्पेक्टर पद नहीं था. लेकिन वर्ष 2017 में इंस्पेक्टर की नियुक्ति होने के बाद कार्रवाई में तेजी आ गयी. 2016-17 में 1272 छापेमारी की गयी, जिसमें 542 लोगों को शराब मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. परंतु वर्ष 2017-18 में जब नवादा उत्पाद विभाग में इंस्पेक्टर की नियुक्ति हुई तब यह कार्रवाई डेढ़ गुणा से अधिक हो गया.

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