अंकल, कब तक जाम छूटेगा, भूख लगी है… बेवजह आंदोलनकारियों का शिकार हो रहे निर्दोष लोग

नवादा : आंदोलन के नाम पर सड़क जाम करने का एक परम्परा चली हुई है, लेकिन उस सड़क जाम में फंसे लोगों के बारे में किसी को ख्याल नहीं रहता है कि उसमें कोई इमरजेंसी भी हो सकता है. अब तो बात-बात पर लोग सड़कों पर उतर कर सड़क जाम करने का परम्परा बना लिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2019 7:08 AM
नवादा : आंदोलन के नाम पर सड़क जाम करने का एक परम्परा चली हुई है, लेकिन उस सड़क जाम में फंसे लोगों के बारे में किसी को ख्याल नहीं रहता है कि उसमें कोई इमरजेंसी भी हो सकता है. अब तो बात-बात पर लोग सड़कों पर उतर कर सड़क जाम करने का परम्परा बना लिया है.
जिसके चलते निर्दोष नागरिक व स्कूली बच्चे छटपटा कर रह जा रहे हैं. इन हालातों में जाम में फंसे मासूम बच्चों पर किसी का ध्यान नहीं जाता है. गुरूवार को समाहरणालय के समीप एक ठग को बचाने के लिये उसके गुर्गों द्वारा सड़क जाम कर दिया गया.
फलतः करीब ढाई घंटे तक बच्चे सड़क जाम का शिकार होकर भूखे-प्यासे छटपटाते रहे. जिस समय सड़क जाम कर आंदोलन किया जा रहा था, उस समय मॉर्डन इंगलिश स्कूल की तीन बसें फंसी हुई थी. भूख-प्यास से छटपाते बच्चे बार-बार मीडिया कर्मियों से पूछ रहे थे मीडिया अंकल कब तक जाम छूटेगी, भूख लगी है.
ऐसी हालातों में जिला प्रशासन ने कभी भी गम्भीरता नहीं दिखायी है और ना ही आंदोलन करने वालों ने यह सोचा कि जिस सड़क को हम जाम कर रहे हैं शायद उसमें हमारे लोग भी शिकार हो रहे होंगे. एक तरफ जिला प्रशासन समाहरणालय गेट पर प्रदर्शन करने पर रोक लगाती है, तो दूसरी तरफ सड़क आंदोलन के दौरान सड़क पर फंसे लोगों की तकलीफों का ख्याल नहीं रखा जा रहा है.
ऐसे मामलों को लेकर सदर एसडीओ अनु कुमार ने बताया कि इसके लिये रूट चाट बनाने की बात डीएम साहब और डीडीसी साहब के साथ चल रही है. जिसको लेकर लोगों को सहुलियत दिया जा सकेगा. ताकि सड़क जाम करने वाले आंदोलनकारियों का कोई शिकार नहीं हो सके. बेवजह सड़क जाम कर आंदोलन करने वालों पर प्रशासन सख्ती से कार्रवाई करेगी.

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