10 बाल श्रमिकों को मुक्त कराने में विफल रही कौआकोल पुलिस

कौआकोल : नौकरी का झांसा देकर कौआकोल थाना इलाके के विभिन्न गांवों के रहनेवाले 10 बाल श्रमिकों को अबतक दलाल के चंगुल से मुक्त नहीं कराया जा सका है. इससे इन बच्चों के परिजन काफी आशंकित हैं. इसी मामले में कौआकोल थाने के बीझो गांव की रहनेवाली कपूरवा देवी ने स्थानीय थाने में नालंदा के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2019 8:09 AM

कौआकोल : नौकरी का झांसा देकर कौआकोल थाना इलाके के विभिन्न गांवों के रहनेवाले 10 बाल श्रमिकों को अबतक दलाल के चंगुल से मुक्त नहीं कराया जा सका है. इससे इन बच्चों के परिजन काफी आशंकित हैं. इसी मामले में कौआकोल थाने के बीझो गांव की रहनेवाली कपूरवा देवी ने स्थानीय थाने में नालंदा के रहनेवाले एक दलाल के विरुद्ध चार फरवरी को प्राथमिकी दर्ज करायी थी.

इसमें उन्होंने दलाल के विरुद्ध आरोप लगाया था कि उनके बच्चों को नौकरी दिलाने के नाम पर बहला-फुसला कर जयपुर स्थित चूड़ी फैक्टरी में काम कराने के ले गया है. थाने में दिये गये आवेदन में बताया गया था कि नालंदा जिले के राजगीर थाने के विस्थापित निवासी अरविंद चौधरी ने जुलाई 2018 में ही कौआकोल थाने के बीझो गांव से कपूरवा देवी के पुत्र सहित छह बच्चों और तरौन गांव से चार बच्चों को बहला-फुसला कर जयपुर चूड़ी फैक्टरी में ले जाया गया है.
वहां ले जाने के बाद बच्चों को न तो माता पिता से बातचीत करायी जाती है और न ही उन्हें मजदूरी ही दी जाती है. बच्चों को वहां बंधक बना बाल मजदूरी कराया जा रहा है और उन्हें प्रताड़ित भी किया रहा है. जब उन बच्चों के माता-पिता ने नालंदा के रहनेवाले उक्त दलाल से मोबाइल फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कुछ भी बताने से इन्कार करते हुए उन्हें धमकी भी दी है. इससे निराश होकर बच्चों के माता पिता ने कौआकोल थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी.

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