चलती ट्रेन में हॉकरों व सराय में तवायफों को अक्षर बोध करानेवाले विश्वकर्मा के परिजन बेहाल

नवादा नगर : गया जिले में डीपीओ व सीवान के डीइओ के पद पर कामकाज करनेवाले मोबाइल गुरू के नाम से प्रसिद्ध विश्वनाथ विश्वकर्मा के निधन की खबर से जिला के लोग मर्माहत दिखे. मंगलवार की देर शाम गया जिले में सड़क दुर्घटना में मौत के बाद बुधवार को उनका शव पैतृक आवास लाइन पार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2019 7:57 AM

नवादा नगर : गया जिले में डीपीओ व सीवान के डीइओ के पद पर कामकाज करनेवाले मोबाइल गुरू के नाम से प्रसिद्ध विश्वनाथ विश्वकर्मा के निधन की खबर से जिला के लोग मर्माहत दिखे. मंगलवार की देर शाम गया जिले में सड़क दुर्घटना में मौत के बाद बुधवार को उनका शव पैतृक आवास लाइन पार मिर्जापुर लाया गया. शव के नवादा पहुंचते ही परिजनों सहित उनके चाहने वालों का रो-रो कर बुरा हाल दिखा.

समाज में शिक्षा का अलख जगाते हुए लोगों में अक्षर ज्ञान देने की इनकी ललक ने इन्हें दूसरों से अलग बनाया था. उनके आवास पर शव पहुंचने के बाद पत्नी सुधा विश्वकर्मा, बेटे दिल्ली में इंजीनियर सुमित विश्वकर्मा, बंगलौर में इंजीनियर मोना विश्वकर्मा तथा बेटी प्रीति विश्वकर्मा का शोक में बुरा हाल दिखा. दुर्घटना में बेटी प्रीति के दायां हाथ में भी गंभीर चोटें आयी है. समाज के हर वर्ग के लोग उन्हे श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे थे.
राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजे गये शिक्षक के निधन पर शोक
नवादा नगर. राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित विश्वनाथ विश्वकर्मा के निधन पर जिला को अपूर्णीय क्षति हुई है. विद्यार्थी जीवन से ही शिक्षा व कला के प्रति रुचि रखनेवाले शिक्षक के निधन पर श्रवण कुमार बरनवाल, गोपाल निर्दोश, राजीव कुमार आदि ने शोक जताया है. श्रवण बरनवाल ने कहा कि हमलोग साथ में 1974 से कई नाटकों में साथ काम करते रहे हैं.
शिक्षक के रूप में की जीवन की शुरुआत
शिक्षक के रूप में इनके जीवन की शुरुआत गया स्थित जिला स्कूल गया से हुई. बाद में बुनियादी जेठियन हाइ स्कूल में प्रधानाध्यापक के रूप में अपना कार्य शुरू किया. गया तथा बाद में सीवान का जिला शिक्षा पदाधिकारी बने.

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