अगले आदेश तक बंद रहेगा रजौली आंबेडकर विद्यालय

जौली : रजौली पहुंचे डीएम कौशल कुमार ने रविवार को डॉ भीमराव आंबेडकर बालक आवासीय उच्च विद्यालय सह छात्रावास की जांच की. जांच के क्रम में उन्होंने धनार्जय नदी में आये विकराल बाढ़ के पानी से होने वाली क्षति का आकलन किया. डीएम ने छात्रावास परिसर में ही एससी-एसटी कल्याण विभाग के द्वारा प्रस्तावित एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 30, 2019 9:17 AM

जौली : रजौली पहुंचे डीएम कौशल कुमार ने रविवार को डॉ भीमराव आंबेडकर बालक आवासीय उच्च विद्यालय सह छात्रावास की जांच की. जांच के क्रम में उन्होंने धनार्जय नदी में आये विकराल बाढ़ के पानी से होने वाली क्षति का आकलन किया.

डीएम ने छात्रावास परिसर में ही एससी-एसटी कल्याण विभाग के द्वारा प्रस्तावित एक भवन निर्माण को भी जिला कल्याण पदाधिकारी को मोबाइल पर फोन कर उसे तत्काल प्रभाव से रोक दिया.
डीएम ने कहा कि अगले आदेश तक आंबेडकर विद्यालय सह छात्रावास पूर्ण रूप से बंद रहेगा. दशहरा व दीपावली के दौरान भवन निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा जांच के बाद ही विद्यालय की क्षतिग्रस्त चहारदीवारी, दरवाजे व अन्य सामग्रियों को लेकर ही कोई निर्णय लिया जायेगा.
प्रत्येक वर्ष होने वाली बाढ़ से तबाही को देखते हुए डीएम ने भविष्य में इस विद्यालय सह छात्रावास को किसी दूसरे स्थल पर भवन निर्माण होने के बाद स्थानांतरित किये जाने पर विचार करने की बात कही. डीएम ने कहा कि जब तक इस विद्यालय सह छात्रावास के बच्चे की सुरक्षा को लेकर कोई समुचित निर्णय व व्यवस्था नहीं हो जाता है, तब तक यह विद्यालय पूर्ण रूप से बंद रहेगा.
गौरतलब है कि शुक्रवार की रात को विगत चार दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण धनंजय नदी में आयी भयानक बाढ़ से आंबेडकर विद्यालय सह छात्रावास की चहारदीवारी पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था और इसमें लगभग 125 बच्चे फंस गये थे. इसे शनिवार की सुबह एसडीओ चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में ग्रामीणों व तैराकों के सहयोग से अभियान चलाकर सभी बच्चों व शिक्षकों को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला गया था.
छात्रावास के कुल 300 बच्चों में से लगभग 175 बच्चे जिउतिया के पर्व को लेकर पूर्व में ही अपने परिजनों के साथ घर जा चुके थे. कुछ बच्चों के परिजनों के नहीं आने पर 125 बच्चे अपने परिजनों के आने के इंतजार में विद्यालय में ही थे. यह शुक्रवार की रात नदी में आयी भीषण बाढ़ की चपेट में विद्यालय में फंस गये थे.

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