मगही के विकास के लिए होगा बेहतर प्रयास : पूर्णिमा

संवैधानिक दर्जा पाने की जद्दोजहद में मगही अब भी जुटी है. यह भाषा अपने ही क्षेत्र में उपेक्षित रही है. इसके रचनाकार अपने कठोर परिश्रम से इसे पोषित करने में जुटे हैं. इसी कड़ी में नवरात्र के मौके पर मगही भाषा ने माता भगवती के चरणों में खुद को समर्पित किया है. इसके विकास को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2014 4:29 AM
संवैधानिक दर्जा पाने की जद्दोजहद में मगही अब भी जुटी है. यह भाषा अपने ही क्षेत्र में उपेक्षित रही है. इसके रचनाकार अपने कठोर परिश्रम से इसे पोषित करने में जुटे हैं. इसी कड़ी में नवरात्र के मौके पर मगही भाषा ने माता भगवती के चरणों में खुद को समर्पित किया है. इसके विकास को लेकर हर संभव प्रयास किये जायेंगे. जरूरत पड़ी तो विधान सभा व संसद तक इसे उठाया जायेगा. ये बातें गुरुवार को प्रसाद बिगहा स्थित देवी मंदिर पूजा पंडाल में मगही दुर्गा सप्तशती का सस्वर पाठ कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए स्थानीय विधायक पूर्णिमा यादव ने कहीं.
उन्होंने कहा कि मगही से जुड़े लोगों का यह काफी सराहनीय प्रयास है.
पुस्तक के अनुवादक व बिहार मगही अकादमी के अध्यक्ष उदय शंकर शर्मा उर्फ कवि जी ने कहा कि मगही के लिए यह क्षेत्र नैहर है. माइके में यह सम्मान मिलना इस बात का घोतक है की यह पहले से और भी अधिक मजबूती के साथ उभर कर सामने आयेगा. उन्होंने इस मौके पर विधायक को पुस्तक की प्रति भेंट की. दोनों ने समेकित रूप से जिले के कई पूजा पंडालों में कराये जा रहे पाठ का समेकित उद्घाटन किया. शहर के इंदिरा गांधी चौक स्थित पूजा पंडाल में मगही के रिसर्च स्कॉलर व शिक्षक गोपाल प्रसाद निदरेष, प्रसाद बिगहा मंदिर में पंडित विद्याधर पांडेय, शहीद भगत सिंह चौक स्थित पूजा पंडाल में मगही रिसर्च स्कॉलर व शिक्षक दयानंद प्रसाद, गया रोड स्थित बिजली ऑफिस के सामने पूजा पंडाल में प्रो सुनील कुमार मगही विभागाध्यक्ष नारदीगंज कॉलेज नारदीगंज ने सस्वर पाठ शुरू किया है. यह पूरे नवरात्र तक जारी रहेगा. इसके अलावा हिसुआ के चंद्रवंशी नव युवक क्लब में मगही साहित्यकार प्रवीण कुमार पंकज द्वारा पाठ शुरू किया गया है.
गौरतलब है कि जिले भर में मगही भाषा के व्यापक प्रचार-प्रसार को लेकर समाजसेवी कौशलेंद्र नारायण सिंह ने तमाम व्यवस्था की है. लोगों ने मगही भाषा के प्रति इनके लगाव की भी सराहना की. उद्घाटन के मौके पर शशांक भूषण, डॉ पंकज कुमार सिन्हा, मनोज कुमार, दयानंद प्रसाद, गोपाल प्रसाद निदरेष सहित सैकड़ों की संख्या में आम जन मौजूद थे.

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