मानव रहित फाटक बन रहे असमय मौत का कारण

नवादा (सदर) : मानव रहित रेल फाटकों पर दुर्घटनाएं बढ़ती ही जा रही है. कहीं ज्यादा, तो कहीं कम की तर्ज पर फाटक मौत के मंजर की पहचान बना चुके हैं. इस तरह की घटनाओं का एक कारण लोगों की जल्दबाजी भी है. ट्रेनों की कर्कश आवाजें दूर से ही अपने आने की सूचना दे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2015 6:37 AM
नवादा (सदर) : मानव रहित रेल फाटकों पर दुर्घटनाएं बढ़ती ही जा रही है. कहीं ज्यादा, तो कहीं कम की तर्ज पर फाटक मौत के मंजर की पहचान बना चुके हैं. इस तरह की घटनाओं का एक कारण लोगों की जल्दबाजी भी है. ट्रेनों की कर्कश आवाजें दूर से ही अपने आने की सूचना दे देती हैं.
फिर भी जल्दबाजी के साथ लापरवाह हरकत कर जान गंवाना लोगों की आदतों में सुमार हो गया है. यह अलग है कि घटना वाले मानव रहित रेल फाटकों पर विभाग द्वारा कोई निर्णायक कदम नहीं उठाना इनकी लापरवाही की कहानी बयां करती है. जिले के जलालपुर व सफीगंज फाटक पर ट्रेन की टक्कर में कई व्यक्ति जान गवां चुके हैं. बावजूद उस घटना से सीख लेने की जरूरत आमलोग नहीं समझते.
इंटरलॉकिंग सिस्टम लागू
रेलवे फाटक पर दुर्घटनाओं में कभी आये, उसके लिए विभाग दिसंबर, 2012 से पैनल इंटर लॉकिंग सिस्टम लागू किया है. विभागीय जानकारी के मुताबिक जब तक रेलवे फाटक का इंटर लॉकिंग नहीं होगा, सिगनल ही नहीं होगा. इस तरह सिगनल के बगैर ट्रेन नहीं आयेगी.
इस तरह दुर्घटना में कमी आयेगी. समपार फाटक पर कैसे और किस स्थिति में पार करना है. इसके लिए विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय जागरूकता दिवस मनाया जाता है. आम लोगों को विशेष जानकारी दी जाती है. बावजूद जागरूकता का असर आमलोगों पर कम दिखता है.

Next Article

Exit mobile version