विविधक जागरुकता शिविर में वक्ताओं ने कहा, यौन हिंसा पर खुल कर बोलें
नवादा : डर या शर्म के कारण अपने ऊपर हुए अपराध को छिपाये नहीं खुल कर इसकी शिकायत करें. तभी महिला हिंसा को रोका जा सकता है. उक्त बातें राज्य महिला आयोग की सदस्या रेणु सिन्हा ने आयोजित शिविर में कहा.
महिला आयोग के निर्देश पर शनिवार को स्थानीय आर एम डब्ल्यू कॉलेज में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में जानकारी देते हुए रेणु सिन्हा ने कहा कि आयोग बलात्कार, घरेलू हिंसा, अत्याचार आदि के मामलों पर सख्ती से कार्रवाई कर रहा है. पटना के शास्त्री नगर थाने द्वारा चार दुष्कर्मियों को पकड़ा जाना तथा उसे सजा मिलना आयोग के कारण ही संभव हो पाया.
बन रहे नये कानून
विधिक जागरूकता शिविर में प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी रंजीत प्रसाद ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए आइपीसी की धाराओं में कई प्रावधान है. नये सुरक्षा कानून भी बन रहे हैं. इसे सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है. वरीय उप समाहर्ता पारूल प्रिया ने उपस्थित छात्राओं का आह्वान करते हुए कहा कि छेड़छाड़ दहेज प्रताड़ना, सहित अन्य महिला हिंसा पर चुप नहीं रहें.
जागरूक बन कर प्रतिकार करें सरकार द्वारा कई एजेंसियों अपना कार्य कर रही है. महिला विकास निगम के जिला परियोजना प्रबंधक राजीव रंजन ने निगम द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दिया.
विधिक जागरूकता शिविर में महिला थाना प्रभारी सीमा कुमारी ने कहा कि महिला थाना में किसी भी समय आकर महिलाएं शिकायत कर सकते हैं. मामलों का निष्पादन जांच के आधार पर किया जाता है. काउंसिलिंग करके भी उनमें प्रताड़ना के खिलाफ लड़ने की हिम्मत भरा जाता है.
राजेंद्र मेमोरियल महिला कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में छात्राओं को इव टीजिंग या छेड़खानी के खिलाफ आइपीसी की धारा 298 ए ओर बी की जानकारी दिया गया. इसमें दोषी को दो वर्ष की सजा तथा दो हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्या डॉ गीता सिन्हा ने किया. उन्होंने आगत अतिथियों का स्वागत कर उन्हें आयोजन के लिये धन्यवाद दिया. कार्यक्रम में महिला हेल्पलाइन की पूनम कुमारी, अवर पुलिस निरीक्षक कुसुम कुमारी, न्यायिक दंडाधिकारी राजेश कुमार, साक्षर भारत के एसआरजी पुष्पा कुमारी आदि ने भी अपने विचार रखे. कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ आरती रानी साहा ने किया. कार्यक्रम में डॉ महेंद्र प्रसाद, एनएसएस के डॉ रघुवंश मणि, डॉ नकुल लाल, डॉ शारदा सिन्हा, डॉ नरेश सिन्हा, डॉ दिलमोहन प्रसाद आदि मौजूद थे.