कैसे कटते जिंदगिया हो रजवा

नवादा कार्यालय: करीब डेढ़ साल तक पत्नी व बच्चों से दूर रहने के बाद चंद दिनों पहले अपने घर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के देदौर गांव लौटे शंभु प्रसाद की हत्या ने उसकी पत्नी और बच्चों के जिंदगी में अंधेरा कर दिया है. शनिवार की सुबह आसमान जैसे ही साफ होने लगा, किसान व ग्रामीण खेतों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 31, 2015 9:12 AM
नवादा कार्यालय: करीब डेढ़ साल तक पत्नी व बच्चों से दूर रहने के बाद चंद दिनों पहले अपने घर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के देदौर गांव लौटे शंभु प्रसाद की हत्या ने उसकी पत्नी और बच्चों के जिंदगी में अंधेरा कर दिया है.
शनिवार की सुबह आसमान जैसे ही साफ होने लगा, किसान व ग्रामीण खेतों की तरफ निकले हुए थे. तभी अचानक किसी ने एक व्यक्ति का शव देखा और चिल्लाने लगा. फिर क्या था शव की पहचान होते ही गांव में कोहराम मच गया. इसकी सूचना मृतक की पत्नी मनीता देवी को मिली, तो उसके पैरों तले धरती खिसक गयी. भागी-भागी पति के शव के समीप गयी और दहाड़ मार कर रोने लगी. उसके मुंह से बार-बार यही शब्द निकल रहा था. कैसे कटतै जिंदगिया हो रजवा, के करा सहारे पालवै बाला-बुतरुआ गे माय. यह चित्कार गांव के हर लोगों के आंखों डबडबा दिया था. कहा जाता है कि बड़ा बेटा सागर तीन साल का है और छोटी बेटी रुपानी डेढ़ साल की है. जब बेटी का जन्म हुआ था. तब वह मुंबई मेहनत मजदूरी करने गया था.
घर की परिस्थिति ठीक नहीं रहने के कारण मेहनत मजदूरी किया करता था. घर में बच्चों को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है. बच्चे बार-बार पापा-पापा बुला रहे थे. इस घटना ने उसके घर व गांव में कोहराम मचा दिया. दहशत में परिजनों की हालत काफी भयभीत बना हुआ है.

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